क्या बिहार के लोग इस बार बदलाव की राह पर हैं? : पशुपति कुमार पारस

सारांश
Key Takeaways
- बदलाव की चाहत में लोग सक्रिय हैं।
- पशुपति कुमार पारस ने 32 जिलों की यात्रा की।
- महागठबंधन में सीट बंटवारा जल्द होगा।
- मतदाता सूची में त्रुटियाँ चिंता का विषय हैं।
- नौजवानों के नेतृत्व में नई सरकार की उम्मीद।
पटना, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा अगले सप्ताह होने की संभावना है। इस बीच, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार के लोग इस बार बदलाव के मूड में हैं।
उन्होंने बताया कि बिहार में पिछले 20 वर्षों से एक ही व्यक्ति की सत्ता है, जिससे लोग अब परिवर्तन की इच्छा रखते हैं। पारस ने यह भी बताया कि उन्होंने 32 जिलों की यात्रा की है और वहां के लोगों से मुलाकात की है। लोग अब सत्ता में बदलाव चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "मां दुर्गा से हमारी प्रार्थना है कि इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन हो। नौजवानों के नेतृत्व में सरकार बने।"
इसके अलावा, चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद मतदाता सूची के संबंध में उन्होंने कहा कि यदि मतदाता सूची में त्रुटि है, तो लोकसभा चुनाव भी इसी सूची से हुआ था। राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए, क्या तब यह सही था?
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में स्थिति खराब है और जानबूझकर उनके वोटरों का शोषण किया जा रहा है, जिस कारण पिछड़े और दलित वर्ग के लोगों के नाम काटे जा रहे हैं। यह उनके अधिकारों से वंचित करने की एक साजिश है।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा कि आठ अक्टूबर तक सीटों की घोषणा होने की संभावना है। छह अक्टूबर तक निश्चित रूप से घटक दलों को सीटों के बारे में जानकारी दे दी जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन में सीटों को लेकर कोई मतभेद नहीं है। सभी चीजों का फैसला मिलकर किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग द्वारा कल एसआईआर के बाद मतदाता सूची जारी की गई है। बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7,41,92,357 हो गई है। इसमें नए लोगों के नाम जोड़े और हटाए गए हैं।