क्या आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है? : तारिक अनवर

सारांश
Key Takeaways
- तारिक अनवर ने आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पीएम मोदी का बयान आरएसएस की भूमिका को उजागर करता है।
- आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय विवादित है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100 वर्षों की यात्रा को त्याग, निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन की अद्भुत मिसाल बताया। पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है।
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री खुद आरएसएस से आते हैं और संघ की तारीफ करना उनका फर्ज बनता है। हालांकि, हकीकत यह है कि आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है। आरएसएस वह संगठन है जिसका सोसायटी एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं है। उन्हें कहां से पैसा मिलता है, यह उन्हें बताना चाहिए। बड़े दुख की बात है कि प्रधानमंत्री इस तरह के संगठन को ऐसे पेश कर रहे हैं, जैसे इस देश को बनाने और उसकी आजादी में उनका अहम योगदान है।"
उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री जो चाहे कह सकते हैं, लेकिन हकीकत और इतिहास पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। इतिहास यह है कि आजादी की लड़ाई के दौरान आरएसएस ने ब्रिटिश हुकूमत की सहायता की। जब देश में हमारे स्वतंत्रता सेनानी अपना बलिदान दे रहे थे तो उस समय आरएसएस के लोग ब्रिटिश हुकूमत से मिले हुए थे।"
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्णय की आलोचना की। उन्होंने कहा, "अगर आरएसएस का कोई योगदान हो तो जरूर पढ़ाया जाना चाहिए। मेरा मानना है कि देश के अंदर सांप्रदायिक माहौल बनाने और बिगाड़ने में उनका बहुत योगदान है। आप ऐसे संगठन के बारे में पढ़ाकर आने वाली पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहते हैं?"
बिहार एसआईआर पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "हमारी इस पर पूरी नजर है और आयोग ने जो लिस्ट जारी की है, उसे भी पढ़ा जा रहा है। अच्छी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने संज्ञान में एसआईआर को लेकर सारी बातों को रखा है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इसमें कोई गड़बड़ी होगी तो पूरी लिस्ट को रिजेक्ट कर सकते हैं।"