क्या रात की शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को किडनी स्टोन का ज्यादा खतरा है?

सारांश
Key Takeaways
- रात की शिफ्ट में काम करने वालों को किडनी स्टोन का खतरा अधिक होता है।
- शारीरिक मेहनत की कमी इस खतरे को बढ़ाती है।
- किडनी स्टोन से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।
- सर्केडियन रिदम का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
- युवाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक हालिया अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि जो लोग रात की शिफ्ट में कार्यरत हैं, उनके लिए किडनी स्टोन विकसित होने का खतरा सामान्य से अधिक होता है।
मायो क्लिनिक प्रोसीडिंग्स नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, यह खतरा विशेष रूप से युवाओं और उन व्यक्तियों में ज्यादा पाया गया है, जो शारीरिक मेहनत कम करते हैं।
किडनी स्टोन यानी गुर्दे में पथरी बनना अब एक सामान्य बीमारी बन चुकी है। यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे दिल की बीमारियां, क्रॉनिक किडनी रोग और किडनी फेल्योर जैसे गंभीर रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
इस अध्ययन में यह बात सामने आई है कि शरीर का वजन (बॉडी मास इंडेक्स), पानी कम पीने की आदत और अन्य जीवनशैली से संबंधित पहलू किडनी स्टोन बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेष रूप से रात की शिफ्ट में कार्यरत लोग अपनी नींद, खाने-पीने और अन्य आदतों को ठीक से बनाए नहीं रख पाते, जिसके परिणामस्वरूप उनके शरीर का सर्केडियन रिदम प्रभावित होता है।
यह रिदम हमारे शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो निर्धारित करती है कि हमारा शरीर कब सोए, कब जागे और शरीर के भीतर कौन से हार्मोन कब बनें।
जब यह रिदम बिगड़ता है, तो मेटाबॉलिज्म (भोजन पचाने की प्रक्रिया) और हार्मोन का स्तर असंतुलित हो जाता है। लगातार रात की शिफ्ट में काम करने से ये सभी कारक प्रभावित होते हैं, जिससे किडनी स्टोन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
चीन के सन यात सेन यूनिवर्सिटी में एपिडेमियोलॉजी विभाग के प्रमुख शोधकर्ता यिन यांग ने कहा, 'रात की शिफ्ट में काम करने वालों को किडनी स्टोन होने का खतरा लगभग 15 प्रतिशत अधिक होता है। इस खतरे को बढ़ाने में कई जीवनशैली से जुड़ी आदतें जैसे धूम्रपान, नींद की कमी, कम पानी पीना और ज्यादा वजन बढ़ना भी शामिल हैं।'
इस शोध में यिन यांग और उनकी टीम ने 220,000 से अधिक लोगों का डेटा लगभग 14 साल तक अनुसरण किया। उन्होंने विभिन्न शिफ्ट कार्य की सभी जानकारियाँ संकलित कीं और देखा कि किन लोगों को अधिक किडनी स्टोन की समस्या हुई।
दुनियाभर में किडनी स्टोन की समस्या 1 प्रतिशत से लेकर 13 प्रतिशत तक लोगों को प्रभावित करती है।
अमेरिका के मायो क्लिनिक के नेफ्रोलॉजी और हाइपरटेंशन विभाग के फेलिक्स नॉफ ने एक साथ प्रकाशित संपादकीय में कहा कि रात की शिफ्ट में काम करना शरीर की सर्केडियन रिदम को सबसे अधिक प्रभावित करता है। हमारी सेहत और शरीर की सभी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं इसी रिदम पर निर्भर होती हैं। जब यह रिदम बिगड़ता है, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें किडनी स्टोन भी शामिल है।