क्या बिहार के लोगों ने मौजूदा सरकार की वापसी के लिए मतदान में जोरदार भागीदारी दिखाई? - संजय झा
सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान हुआ।
- संजय कुमार झा का दावा है कि वोटिंग सरकार की वापसी का संकेत है।
- महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही।
- विपक्ष के आरोपों के बावजूद मतदान में वृद्धि हुई।
- 11 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग होगी।
पटना, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग प्रक्रिया गुरुवार को पूरी हुई। जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय कुमार झा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस बार लोगों ने मौजूदा सरकार की वापसी के लिए बढ़-चढ़कर वोटिंग की।
जेडीयू सांसद ने कहा, "इस बार रिकॉर्ड वोटिंग हुई है। यह वोटिंग सरकार की वापसी का संकेत है। बिहार में 2005 से ज्यादा वोट 2010 में पड़े। 2010 से ज्यादा वोट 2015 में पड़े। ऐसे में बिहार में यह ट्रेंड हमेशा रहा है कि जब ज्यादा वोट पड़ता है तो सरकार की वापसी होती है।"
सांसद संजय कुमार झा ने आगे कहा, "विपक्ष के लोग वोटिंग वाले दिन सुबह बयान दे रहे थे कि मतदान धीमा है, लेकिन असल में वोटिंग ज्यादा हुई है। खासकर महिलाओं की कतारें देखने लायक थीं। सुरक्षा, शांति, समृद्धि और सुशासन ही वोटिंग के पीछे के मुख्य कारण रहे। इन कारणों से लोग एनडीए और नीतीश कुमार के पक्ष में वोट देने निकले हैं। पहले चरण की वोटिंग को देखकर हम यह विश्वास से कह सकते हैं कि नीतीश सरकार की वापसी होने वाली है।"
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने पूरा बिहार घूमकर चले गए, लेकिन अगर राज्य में राजद और कांग्रेस की सरकार होती तो लोग घूम भी नहीं सकते थे। यह नीतीश कुमार का बनाया हुआ रोड है, जिस पर वे फटाफट निकलते हुए चले गए। राहुल गांधी ने बिहार के लोगों को केवल भटकाया है। अब विपक्ष को भी समझ आ गया है कि बिहार चुनाव का रिजल्ट क्या होने वाला है।"
उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, "कांग्रेस नेता ने बिहार के लिए क्या किया है? वे सिर्फ चुनाव के वक्त आकर फोटो खिंचवाकर निकल जाते हैं। नीतीश कुमार ने बिहार के लिए हजारों कार्य किए हैं।"
पहले चरण की वोटिंग के बाद 11 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग होगी। यह माना जा सकता है कि एनडीए इस बार 2020 से भी बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी। एनडीए सरकार की वापसी के लिए इस बार पहले से ज्यादा वोट पड़े हैं। लोगों ने जाति और धर्म से ऊपर उठकर वोट दिया है।