क्या नोएडा में प्रदूषण बना खतरा?
सारांश
Key Takeaways
- एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार रेड जोन में है।
- ओपीडी में 30 से 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
- प्रदूषण से लंग डिजीज, अस्थमा और कैंसर का खतरा बढ़ता है।
- स्वास्थ्य विभाग ने मास्क पहनने की सलाह दी है।
- विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें।
नोएडा, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की हवा में जहर घुल चुका है। तापमान में गिरावट और ठंडी हवाओं के बीच शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लगातार रेड जोन में बना हुआ है। नोएडा में एक्यूआई 250 से 300 के बीच दर्ज किया जा रहा है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यह स्थिति आम लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। सांस की तकलीफ, खांसी, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल में ओपीडी का आंकड़ा भी इन दिनों तेजी से बढ़ा है।
जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अजय राणा ने बताया कि प्रदूषण और ठंड की शुरुआत लोगों की सेहत पर सीधा असर डाल रही है। ओपीडी में मरीजों की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में हवा नीचे दब जाती है और प्रदूषक तत्व जमीन के आसपास जमा होने लगते हैं। इस वजह से लंग डिजीज, कार्डियोवैस्कुलर डिसऑर्डर, अस्थमा, एलर्जी और साइनस की समस्याएं बढ़ जाती हैं।
डॉ. राणा के मुताबिक, हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से भी छोटे पार्टिकुलर मैटर सीधे फेफड़ों में घुस जाते हैं। ये कण शरीर की आंतरिक प्रणाली पर गंभीर दुष्प्रभाव डालते हैं। उन्होंने चेताया कि प्रदूषण सिर्फ सांस से जुड़ी बीमारियां ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह कैंसर के खतरे को भी बढ़ाने वाला कारक है। हवा में मौजूद कुछ तत्व म्यूटेशन पैदा करते हैं, जिससे फेफड़ों के कैंसर मरीजों के लिए स्थिति और बिगड़ सकती है।
स्वास्थ्य विभाग ने खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों को बेवजह घर से न निकलने की सलाह दी है। बाहर निकलना जरूरी हो तो मास्क का प्रयोग अनिवार्य करें।
विशेषज्ञों के अनुसार, नोएडा का प्रदूषण स्तर ऐसा है कि बाहर लगातार सांस लेना, मानों रोज 30 से 40 सिगरेट का धुआं अंदर लेना हो। यह स्थिति फेफड़ों में सूजन, सांस न ले पाने, हार्ट पेशेंट्स में अचानक अटैक और बच्चों में एलर्जी बढ़ाने का कारण बन रही है। प्रदूषण नियंत्रण संगठनों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, एक्यूआई और नीचे जा सकता है, जिससे हालात और खराब होंगे। फिलहाल, शहर के कई इलाकों में धुंध की मोटी परत बनी हुई है और सुबह-शाम आंखों में जलन स्पष्ट महसूस की जा सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अपील है कि जरूरत न हो तो लंबे समय तक बाहर न रहें। मास्क का इस्तेमाल करें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। सांस, खांसी या सीने में दर्द बढ़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।