क्या असम के ईंट भट्टे में बंधक बनाए गए बिहार के श्रमिकों को मुक्त किया गया?

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क्या असम के ईंट भट्टे में बंधक बनाए गए बिहार के श्रमिकों को मुक्त किया गया?

सारांश

असम में बंधक बनाए गए बिहार के श्रमिकों को मुक्त करने में सरकार की तत्परता ने एक बार फिर साबित किया है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। यह कहानी उस संघर्ष की है जो प्रवासी श्रमिकों का सामना करते हैं।

Key Takeaways

  • बिहार के सात श्रमिक असम में बंधक बनाए गए थे।
  • सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और श्रमिकों को मुक्त किया।
  • जबरन श्रम और शोषण के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
  • प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
  • यह घटना श्रमिकों के लिए एक चेतावनी है।

पटना, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के तिनसुकिया जिले के एक ईंट भट्ठे में बंधक बनाए गए बिहार के सारण जिले के अमनौर और मकेर थाना क्षेत्र के सात श्रमिकों को सुरक्षित रूप से मुक्त कर लिया गया है।

इस कार्रवाई का श्रेय बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के प्रभावी हस्तक्षेप और निरंतर प्रयासों को दिया गया है। ये श्रमिक कौशल सिंह के स्वामित्व वाले चिमनी भट्ठे, ग्राम लिडु (थाना – मारग्रेटा) में काम करने गए थे, जहां भट्ठा मालिक ने उन्हें जबरन बंधक बना रखा था।

मुक्त कराए गए श्रमिकों में संजय कुमार (18), गजेन्द्र महतो (32), राजकुमार महतो (60), गणेशी महतो (55), सनोज महतो (28), मुकेश नट (18) और सुरेश राम (36) शामिल हैं। सभी ने बताया कि उनका मोबाइल जब्त कर लिया गया था, उन्हें जबरन श्रम कराया जा रहा था और विरोध करने पर उन पर मारपीट भी की जा रही थी।

इस मामले की जानकारी श्रमिकों के परिजनों ने मकेर प्रखंड की ग्राम पंचायत राज कैतुका नंदन की मुखिया के माध्यम से सारण जिला प्रशासन और श्रम संसाधन विभाग को दी थी। श्रमिकों के परिवारों ने पत्र लिखकर अपने परिजनों के बंधक बनाए जाने की पुष्टि की और तात्कालिक कार्रवाई की मांग की।

सूचना सत्यापित होने के बाद सारण के श्रम अधीक्षक ने संयुक्त श्रमायुक्त, नई दिल्ली को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा। मंत्रीस्तरीय निर्देश के बाद असम के संबंधित विभागों से संपर्क स्थापित किया गया और सभी श्रमिकों को सुरक्षित मुक्त किया गया।

श्रम संसाधन विभाग ने आश्वासन दिया है कि सभी श्रमिकों को सुरक्षित रूप से बिहार लाया गया है तथा दोषी चिमनी मालिक के खिलाफ आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है। यह कदम उन हजारों प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत का संकेत है, जो दूर राज्यों में काम करते हैं और अक्सर शोषण तथा बंधुआ श्रम का सामना करते हैं।

Point of View

NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

ये श्रमिक किस क्षेत्र से हैं?
ये श्रमिक बिहार के सारण जिले के अमनौर और मकेर थाना क्षेत्र से हैं।
इन श्रमिकों को कब मुक्त किया गया?
इन श्रमिकों को 10 दिसंबर को मुक्त किया गया।
इन श्रमिकों के साथ क्या हुआ था?
इन श्रमिकों को जबरन बंधक बना कर रखा गया था और उनसे श्रम कराया जा रहा था।
सरकार ने इस पर क्या कदम उठाए?
सरकार ने श्रम संसाधन विभाग के माध्यम से प्रभावी कार्रवाई की और सभी श्रमिकों को मुक्त कराया।
क्या दोषी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है?
हाँ, दोषी चिमनी मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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