क्या बिहार की महिलाएं बदलाव की मिसाल हैं? पीएम मोदी ने साझा की संघर्ष और सफलता की कहानियां

सारांश
Key Takeaways
- महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं।
- सरकारी योजनाएं जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
- सामुदायिक समर्थन और प्रेरणा से महिलाएं आगे बढ़ रही हैं।
- आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए योजनाएं महत्वपूर्ण हैं।
- प्रधानमंत्री का जुड़ाव प्रेरणादायक है।
पटना, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' का उद्घाटन एक साधारण कार्यक्रम से बढ़कर एक भावनात्मक संवाद बन गया जब पीएम मोदी ने उन महिला लाभार्थियों से बातचीत की, जिनकी जिंदगी सरकारी पहलों के जरिए बदल रही है। इस अवसर पर जो दृश्य उत्पन्न हुआ, वह केवल नीति चर्चा नहीं थी, बल्कि प्रेरणादायक कहानियों, आभार और उत्सव की भावना का संगम था।
लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को स्नेहपूर्वक 'भैया' कहकर संबोधित किया, जो उनके और पीएम मोदी के बीच के संबंध का प्रतीक है।
इस अवसर पर भोजपुर की रीता देवी, जिन्होंने 2015 में एक छोटे पोल्ट्री व्यवसाय के साथ अपने उद्यमिता सफर की शुरुआत की थी, गर्व से बोलीं, "मेरी जिंदगी बदल गई है। जब मुझे 10 रुपए का सहयोग मिलेगा, तो मैं 100 और मुर्गियां खरीदूंगी। सर्दियों में अंडों की मांग बढ़ती है और इससे मेरी आय में वृद्धि होगी।"
लेकिन वे यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने बताया कि कैसे कई सरकारी योजनाओं ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है।
उन्होंने कहा, "पहले हमारा घर बहुत खराब स्थिति में था, लेकिन पीएम आवास योजना से हमारे पास एक पक्का घर और शौचालय है। अब हम साफ पानी पीते हैं, चूल्हे की जगह उज्ज्वला गैस का इस्तेमाल करते हैं, आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज पाते हैं और 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिलती है। बचत हमारे बच्चों के भविष्य को मजबूती देने में मदद करेगी। यह बिल्कुल नई जिंदगी की तरह लगता है।"
पश्चिम चंपारण की रंजीता काजी ने रोजगार योजना को त्योहार की तरह बताया। उन्होंने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे क्षेत्र में सड़कें, पानी और बिजली आएगी। उज्ज्वला ने हमें धुएं से मुक्त कर दिया। 10 हजार रुपए से मैं ज्वार और बाजरा की खेती में निवेश करूंगी और जब मुझे 2 लाख मिलेंगे तो मैं और बढ़ूंगी, स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए एक दिन लाखपति बनूंगी।"
गया की नूरजहां खातून की कहानी सशक्तिकरण और गरिमा दोनों को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "हम इस 10 हजार रुपए के उपहार से बहुत खुश हैं, क्योंकि यह हमें अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने का मौका देता है। पहले, परिवार वाले हमें बाहर जाने की अनुमति नहीं देते थे। यहां तक कि पति भी हमें मारते थे। लेकिन आज आत्मनिर्भरता के कारण परिवार हमारा सम्मान करता है। पहले हम अपने पतियों को अपनी संपत्ति मानती थीं, अब हमारे पति हमें लखपति मानते हैं।"
पूर्णिया की पुतुल देवी, जो एक छोटे मिठाई की दुकान चलाती हैं, उनके लिए रोजगार योजना सपनों तक पहुंचने का पुल है। उन्होंने कहा, "जब मुझे 2 लाख रुपए मिलेंगे, तो मैं अपना व्यवसाय बढ़ाऊंगी और पीएम की स्वदेशी दृष्टि के साथ राष्ट्र को सशक्त बनाऊंगी। लोग मुझ पर हंसते थे, लेकिन जीविका से जुड़ने के बाद सब बदल गया। आज, 125 यूनिट मुफ्त बिजली से मैं बचत करती हूं और अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश करती हूं।"
पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में पुतुल देवी से पूछा कि क्या उन्हें जलेबी पर होने वाली राजनीति का पता है, जिसे सुनकर सभी हंस पड़े।
उनकी कहानियों को गहराई से सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न विकास योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में आवास और स्वास्थ्य सेवा से लेकर बिजली और आजीविका तक समग्र बदलाव लाया है।
पीएम मोदी ने महिलाओं से कहा कि इस भावना को आगे बढ़ाएं और कहा, "अपने गांव के कम से कम एक क्षेत्र में जाएं और दूसरों को सरकारी पहलों के बारे में बताएं। उन्हें प्रेरित करें जैसे आप आज हमें प्रेरित कर रही हैं।"