क्या बिहार के मनेर में राजद की चुनावी गाड़ी सीज हुई?
सारांश
Key Takeaways
- राजद की गाड़ी को नियमों के उल्लंघन पर जब्त किया गया।
- स्थानीय राजनीति में हलचल मची है।
- मनेर सीट पर यादव समुदाय का वर्चस्व है।
- इस सीट पर राजद का दबदबा पिछले एक दशक से कायम है।
- मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मनेर, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मनेर विधानसभा क्षेत्र में राजद का एक चुनाव प्रचार वाहन पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया। यह कार्रवाई एसडीओ के निर्देश पर की गई, जिसमें उल्लेख किया गया कि वाहन ने लाउडस्पीकर उपयोग से संबंधित अनुमति शर्तों का उल्लंघन किया है।
चुनाव प्रचार अपने चरम पर है और प्रत्येक पार्टी मतदाताओं तक अपनी पहुँच को मजबूत करने में लगी है। इस दौरान प्रचार वाहनों का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। हालाँकि, प्रशासन ने बार-बार स्पष्ट किया है कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अनुमति में दिए गए नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता। इसी नियम के तहत मनेर में राजद के इस वाहन पर कार्रवाई की गई है।
सूत्रों के अनुसार, राजद की कैंपेन गाड़ी को लाउडस्पीकर नियम के उल्लंघन के आरोप में सीज किया गया है। इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक माहौल को अचानक गरमा दिया है और यह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
मनेर विधानसभा क्षेत्र, पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। राजनीति में इस सीट की भूमिका निर्णायक रही है, जहाँ वर्षों से यादव समुदाय का वर्चस्व रहा है।
इस जातीय समीकरण के कारण, जिस पार्टी ने यादव वोट बैंक को सफलतापूर्वक साधा, उसकी जीत लगभग सुनिश्चित रही है। यही कारण है कि यह सीट लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक मजबूत गढ़ बन चुकी है।
मनेर के राजनीतिक इतिहास में शुरुआत में कांग्रेस पार्टी ने 7 बार जीत दर्ज की, जबकि आरजेडी 5 बार विजयी रही है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी दो बार यहाँ से बाजी मारी है, लेकिन पिछले एक दशक से यहाँ राजद का दबदबा कायम है।
राजद के मौजूदा विधायक भाई वीरेंद्र इस सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज कर चुके हैं।
2020 विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के निखिल आनंद को 32,917 वोटों के बड़े अंतर से हराया।
2015 में उन्होंने श्रीकांत निराला को 22,828 वोटों से पराजित किया। 2010 में उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला शुरू किया था।
मनेर की राजनीति में दल-बदल का चलन भी काफी है। यादव परिवार (जिसने कुल आठ बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है) ने लगभग सभी प्रमुख दलों से चुनाव लड़ा है।
वहीं, दूसरी ओर 6 नवंबर को पहले चरण के मतदान से पहले पटना जिला प्रशासन द्वारा आयोजित मतदाता जागरूकता बाइक रैली में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया है।