क्या कोयंबटूर यौन उत्पीड़न कांड के बाद डीएमके सरकार की महिला सुरक्षा पर सवाल उठता है?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
- कोयंबटूर घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
- राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं।
चेन्नई, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने कोयंबटूर में एक युवा कॉलेज छात्रा पर हुए जघन्य यौन उत्पीड़न की घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
रविवार रात को कोयंबटूर एयरपोर्ट के निकट तीन अज्ञात पुरुषों ने एक 20 वर्षीय छात्रा का अपहरण कर उसका यौन शोषण किया और बाद में एक निजी कॉलेज के पीछे छोड़ दिया। इस घटना ने पूरे तमिलनाडु को स्तब्ध कर दिया है। एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने डीएमके सरकार पर कानून-व्यवस्था के पूर्ण पतन का आरोप लगाते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।
एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने चेन्नई में जारी बयान में कहा, "इस अपराध की भयावह प्रकृति ने तमिलनाडु की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। एक असहाय युवती का एयरपोर्ट के इतने निकट अपहरण, हमला और यौन शोषण, यह घटना कोयंबटूर जैसे शहर में, जिसे कभी महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता था, एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या स्टालिन मॉडल वाली डीएमके सरकार के तहत कोई कार्यशील पुलिस बल बचा है?"
उन्होंने डीएमके शासन में महिलाओं की सुरक्षा के अभाव को 'पूर्ण पतन' करार दिया। पलानीस्वामी ने अपनी पूर्व सरकार की उपलब्धियों का हवाला देते हुए कहा कि एआईएडीएमके के नेतृत्व में तमिलनाडु लगातार महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित राज्य रहा। चेन्नई प्रमुख शहरों में अव्वल था, जबकि कोयंबटूर को पुलिसिंग मानकों के लिए राष्ट्रीय मान्यता मिली।
उन्होंने कहा, "अम्मा (जयललिता) की सरकार में महिला सुरक्षा नारा नहीं, बल्कि वास्तविकता थी। हमने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाए, जिसमें महिला सुरक्षा किट वितरण शामिल था—मिर्च स्प्रे, टॉर्च और अन्य उपकरण पूरे राज्य में बांटे गए।" उन्होंने जोर देकर कहा कि डीएमके के राज में महिलाओं को 'अपनी सुरक्षा खुद बनानी पड़ रही है।'
घटना के विवरण के अनुसार, पीड़िता तिरुपुर से कोयंबटूर एयरपोर्ट पर एक उड़ान से लौट रही थी। रात करीब 10 बजे, जब वह ऑटो रिक्शा से हॉस्टल लौट रही थी, तीन युवकों ने उसे जबरन एक कार में खींच लिया। लगभग दो घंटे तक चली इस क्रूरता के बाद वे उसे पीड़ित अवस्था में एक कॉलेज के पीछे फेंककर भाग गए।
उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें, दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।