क्या बिहार बंद के दौरान राजद नेता ने गुंडागर्दी दिखाई और एंबुलेंस चालक को धमकी दी?

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क्या बिहार बंद के दौरान राजद नेता ने गुंडागर्दी दिखाई और एंबुलेंस चालक को धमकी दी?

सारांश

बिहार में विपक्षी दलों द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में किए गए बिहार बंद के दौरान राजद नेता की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। एंबुलेंस चालक को धमकी देने वाले इस मामले ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। जानिए इस घटना के पीछे की सच्चाई और क्या है राजनीतिक स्थिति।

Key Takeaways

  • बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध जारी है।
  • राजद नेताओं की गुंडागर्दी ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
  • महागठबंधन का बंद आह्वान विभिन्न क्षेत्रों में सफल रहा।
  • विपक्षी दलों का आरोप है कि वोटर लिस्ट में धांधली की जा रही है।
  • राजनीति में लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता है।

दरभंगा, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ बुधवार को विपक्षी दलों ने बंद का आह्वान किया। इस दौरान दरभंगा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक नेता की गुंडागर्दी सामने आई, जिसने एंबुलेंस को रोका और चालक को धमकी दी।

महागठबंधन द्वारा किए गए चक्का जाम के दौरान दोनार बेनीपुर स्टेट हाईवे 56 पर धोई घाट में राजद नेताओं की गुंडागर्दी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एंबुलेंस से मरीज को लेने जा रहे एक परिजन को धमकी दी गई। राजद नेताओं ने एंबुलेंस चालक और अन्य लोगों के साथ धक्का-मुक्की की और कहा, "अगर 1990 वाली लहर आई तो हम सीधे अंदर कर देंगे, हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

महागठबंधन के बिहार बंद के आह्वान का असर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में देखा गया। कई स्थानों पर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने वाहनों के परिचालन को रोका, जबकि कुछ स्थानों पर ट्रेनों को भी रोका गया और हाईवे को बंद कर दिया गया।

बिहार में पिछले कुछ दिनों से मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) के माध्यम से दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और मजदूरों के वोट काटने की साजिश की जा रही है। विपक्षी दल इसे 'वोट बंदी' कहते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इससे पहले, तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता से अपील की थी कि वे विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "बिहार बंद और चक्का जाम में शामिल होइए और लोकतंत्र को बचाइए। गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को वोटर लिस्ट से बाहर करने की चुनाव आयोग और भाजपा की साजिश को सफल नहीं होने देंगे। यदि आज नहीं जागे, तो कल वोट देने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा।"

महागठबंधन के नेता बिहार बंद के आह्वान को सफल बताने का दावा कर रहे हैं, जबकि एनडीए के नेता इस दावे को खारिज कर रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। महागठबंधन और NDA के बीच की सियासी जंग ने एक बार फिर राज्य में लोकतंत्र के मूल्यों पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यह स्थिति सभी दलों के लिए एक चुनौती बन गई है कि वे अपनी राजनीतिक रणनीतियों को समझदारी से अपनाएँ।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

बिहार बंद का मुख्य उद्देश्य क्या था?
बिहार बंद का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ विरोध जताना और दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करना था।
क्या राजद नेता की गुंडागर्दी का वीडियो वायरल हुआ?
हां, राजद नेता की गुंडागर्दी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है।
बिहार बंद का असर किस प्रकार देखा गया?
बिहार बंद का असर विभिन्न क्षेत्रों में देखा गया, जहां वाहनों और ट्रेनों के परिचालन को रोका गया।