क्या बिहार की जनता अभद्र भाषा को माफ करेगी?: दिलीप जायसवाल

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी के बाद भाजपा में रोष।
- 'बिहार बंद' का आह्वान किया गया है।
- दिलीप जायसवाल ने टिप्पणी को अपमानजनक कहा।
- राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
- बिहार की जनता के मूलभूत जरूरतों की पूर्ति का मुद्दा।
पटना, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के दरभंगा में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के बारे में एक विवादित टिप्पणी की गई, जिसके चलते भाजपा में काफी रोष उत्पन्न हुआ है। इसी वजह से 'बिहार बंद' का आह्वान भी किया गया है।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि प्रधानमंत्री के बारे में की गई यह टिप्पणी अपमानजनक है। यह राजनीतिक शुचिता के खिलाफ है, और दुख की बात है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को इस बात का एहसास नहीं है कि राजनीति में इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के बारे में जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उसके मद्देनजर बिहार की जनता इन्हें माफ नहीं करेगी। इसी कारण हमने 4 सितंबर को 'बिहार बंद' का आह्वान किया है, जो सुबह सात बजे से लेकर 12 बजे तक जारी रहेगा।
भाजपा नेता ने कहा कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह बात मुझे भावुक कर गई। मुझे लगता है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को इसे समझना चाहिए। अगर उन्हें इसकी गंभीरता का एहसास होगा, तो उन्हें माफी मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ महीनों में बिहार में चुनावी गतिविधियाँ तेज होंगी। चुनाव आयोग भी इसकी तैयारियों में जुट जाएगा। इस पर बिहार में बैठकों का सिलसिला जारी है। भाजपा में भी बैठकों का दौर जारी है। पिछले महीने हमने एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया था, जो बिहार की राजनीति में काफी सफल रहा। बिहार के लोग पीएम मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास पर विश्वास करते हैं। जनता की मूलभूत जरूरतों की पूर्ति के लिए सरकार की प्रतिबद्धता से लोग अवगत हैं।