क्या बिहार की जनता के दबाव में अनंत सिंह की हुई गिरफ्तारी?
सारांश
Key Takeaways
- अनंत सिंह की गिरफ्तारी राजनीतिक दबाव का परिणाम है।
- मीसा भारती ने सार्वजनिक रूप से एनडीए सरकार पर निशाना साधा है।
- बिहार की राजनीति में जनता की आवाज का महत्व बढ़ रहा है।
- तेजस्वी यादव का बयान राज्य की राजनीतिक दिशा को दर्शाता है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में मोकामा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद राजद नेता मीसा भारती ने एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई बिहार की जनता के दबाव में की गई है।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए मीसा भारती ने कहा कि मोकामा की घटना ने सबको चौंका दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से घटना घटी, जब शनिवार को 60 गाड़ियों का काफिला जदयू उम्मीदवार द्वारा शक्ति प्रदर्शन के लिए निकाला गया। ऐसा प्रतीत होता है कि यह कार्रवाई बिहार सरकार की तरफ से नहीं की गई। शायद चुनाव आयोग को अब थोड़ा शर्म आ गई है, इसलिए यह कार्रवाई की गई।
मीसा भारती ने जदयू उम्मीदवार की रात में गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा, "बताइए, पूरा दिन वोट मांगने और अपनी ताकत दिखाने में बिताया और फिर रात के अंधेरे में जब मोकामा की जनता इस गिरफ्तारी को नहीं देख सकी, तो उसे बचाने के लिए यह सब किया गया।"
उन्होंने कहा कि दिन के समय गिरफ्तारी होनी चाहिए थी, ताकि जनता के सामने अनंत सिंह को जो शर्म महसूस होनी चाहिए थी, वह होती। इस राज्य का दुर्भाग्य देखिए, जब एक आम आदमी गिरफ्तार होता है तो उसे हथकड़ी लगाई जाती है, जबकि अनंत सिंह जैसे बाहुबली को ऐसा नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय अनंत सिंह को जेल से निकालकर प्रचार कराया जाता है।
मीसा भारती ने तेजस्वी यादव के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर दो महीने के भीतर अपराधियों को जेल भेजा जाएगा। मीसा ने कहा कि मैं पूरी तरह से इस बात पर सहमत हूं। तेजस्वी ने जो कहा है, वह करेंगे। बिहार की जनता ने उनके काम करने का स्टाइल देखा है और अगली सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनने जा रही है।