क्या बिहार के बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को मिली बड़ी सौगात?

सारांश
Key Takeaways
- बुजुर्गों के लिए पेंशन राशि में वृद्धि
- दिव्यांगों को स्वास्थ्य सुरक्षा
- विधवाओं का सम्मान और हक
- आयुष्मान कार्ड की सुविधा
- कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण
पटना, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को 1 करोड़ 11 लाख से अधिक लाभार्थियों के खाते में 1227.27 करोड़ रुपए की पेंशन राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से भेजेंगे। सीएम नीतीश ने 21 जून को घोषणा की थी कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को अब हर महीने 400 रुपए की बजाय 1100 रुपए पेंशन दी जाएगी।
यह विशेष बात है कि लाभार्थियों को पहली बार बढ़ी हुई 1100 रुपए की मासिक पेंशन राशि प्राप्त होगी। पहले यह राशि 400 रुपए थी, जिसे हाल में सरकार ने बढ़ाकर 1100 रुपए प्रति माह कर दिया है।
सरकार के इस निर्णय से बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर को बिहार की सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, "11 जुलाई का दिन राज्य की बड़ी आबादी के लिए खुशी का दिन है। हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 से बढ़ाकर 1100 रुपए कर दिया है और अब वह राशि आपके खाते में ट्रांसफर हो रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि समाज के हर वर्ग को उनका हक और सम्मान दिलाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। पेंशन के साथ-साथ नीतीश कुमार ने लाभार्थियों को स्वास्थ्य सुरक्षा की भी सौगात दी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इसके अतिरिक्त, इन लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी दिया जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें मुफ्त और उचित इलाज मिल सके।
मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, "हम चाहते हैं कि आप सभी स्वस्थ और सुखी रहें। इसी उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि पेंशनधारियों को इलाज की सुविधा और आयुष्मान कार्ड दोनों दिए जाएं।"
बढ़ी हुई पेंशन राशि से बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, वहीं आयुष्मान कार्ड और मुफ्त इलाज की सुविधा उनके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
इस पहल से राज्य के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन और स्वास्थ्य सुविधाओं का यह संयोजन समाज के कमजोर तबकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।