क्या बिहार एसआईआर में चुनाव आयोग के सामने 13,970 निर्वाचकों ने आपत्ति दर्ज कराई?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 13,970 निर्वाचकों ने आपत्ति दर्ज कराई है।
- चुनाव आयोग विशेष अभियान चला रहा है।
- राजनीतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है।
- दावों का निस्तारण ईआरओ या एईआरओ द्वारा किया जाएगा।
- आपत्तियों का निस्तारण 7 दिन में किया जाना है।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के अगले चरण में मतदाता सूची में सुधार हेतु चुनाव आयोग एक विशेष अभियान चला रहा है। इस अभियान के तहत बिहार के लोग वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने के लिए दावा या आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने बताया है कि 12 अगस्त सुबह 10 बजे तक 13,970 निर्वाचकों ने सीधे दावे और आपत्तियां दर्ज कराई हैं। विशेष बात यह है कि बिहार से दिल्ली तक हंगामा करने वाले राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के समक्ष मतदाता सूची संबंधी अभी तक कोई आपत्ति नहीं की है।
चुनाव आयोग के दैनिक बुलेटिन में जारी आंकड़ों के अनुसार, 18 साल की आयु पूर्ण करने वाले या उससे अधिक उम्र के मतदाताओं से प्राप्त फॉर्म-6 और घोषणा पत्र संबंधी कुल 63,591 दर्ज हुई हैं। इसके अतिरिक्त, निर्वाचक नामावली से संबंधित सीधे प्राप्त दावों और आपत्तियों की संख्या 13,970 है, जिसमें से चुनाव आयोग ने 7 दिन के भीतर 341 दावों और आपत्तियों का निस्तारण किया है।
आयोग ने जानकारी दी है कि पूरे बिहार में 12 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के कुल बीएलए 1,60,813 हैं। इनमें से किसी भी पार्टी के बीएलए ने निर्वाचक नामावली के संबंध में नाम जोड़ने या हटाने के लिए आपत्ति नहीं की है। इन बीएलए में कांग्रेस के 17,549 और राजद के 47,506 बीएलए भी शामिल हैं।
नियमों के अनुसार, दावों और आपत्तियों का निस्तारण संबंधित ईआरओ या एईआरओ द्वारा 7 दिन की अवधि समाप्त होने पर पात्रता दस्तावेज की जांच के बाद किया जाना है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नाम को ईआरओ या एईआरओ की जांच के बाद स्पीकिंग आदेश पारित किए बिना नहीं हटाया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची के बाद आपत्ति दर्ज कराने संबंधी प्रक्रिया शुरू की थी।