क्या इंडिगो संकट पर नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो संकट का व्यापक आकलन किया जा रहा है।
- सरकार ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम लागू किए हैं।
- यात्री-उन्मुख सेवाओं की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
- आवश्यक कदम उठाने के लिए उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई है।
- यात्रियों की कठिनाइयों का समाधान प्राथमिकता है।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडिगो संकट के संदर्भ में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने स्थिति का संपूर्ण आकलन करने हेतु सोमवार को सभी वरिष्ठ अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई।
इसके साथ ही, राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि इंडिगो के संचालन में व्यवधान के चलते उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के कारण, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए 3 दिसंबर से सभी हवाई अड्डों पर स्थिति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं।
आज रात एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति का व्यापक आकलन किया।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को एयरलाइन संचालन और यात्री-उन्मुख सेवाओं की जांच के लिए हवाई अड्डों का दौरा करने का निर्देश दिया गया है। यात्रियों से प्राप्त फीडबैक सहित पहचान की गई किसी भी कमी को तुरंत दूर किया जाना चाहिए।
वहीं, इससे पहले राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में नायडू ने कहा कि यह स्थिति इंडिगो के आंतरिक संचालन में समस्या के कारण उत्पन्न हुई है, जिसमें क्रू का रोस्टरिंग सिस्टम और आंतरिक योजना शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम सभी पक्षकारों के साथ बातचीत के बाद लागू किए गए हैं। अप्रैल में, उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के तहत इसे लागू किया गया। कुल 22 एफडीटीएल नियम थे, जिनमें से 15 एक जुलाई से और शेष सात एक नवंबर से लागू हुए हैं।
तब से डीसीसीए एफडीटीएल नियमों पर सभी एयरलाइनों से बातचीत कर रहा था। एक दिसंबर को इंडिगो के साथ भी बातचीत हुई थी, क्योंकि वे नियमों पर कुछ स्पष्टीकरण चाहते थे, लेकिन इस दौरान उन्होंने समस्या का उल्लेख नहीं किया और सब कुछ सामान्य था।
उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही 3 दिसंबर को यह समस्या सामने आई, मंत्रालय ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हमने हवाई अड्डों पर स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया है। हमने सभी पक्षकारों से परामर्श किया है और फिर आपने देखा होगा कि उन दो दिनों में हालात कैसे बदल गए। हालांकि, यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।