क्या इंडिगो संकट पर राम मोहन नायडू का सख्त एक्शन एयरलाइंस के लिए मिसाल बनेगा?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो संकट का मुख्य कारण आंतरिक संचालन में समस्या है।
- सरकार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
- यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता है।
- एफडीटीएल नियमों पर सभी एयरलाइनों से बातचीत की जा रही है।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडिगो संकट के संदर्भ में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। वर्तमान में इसकी जांच चल रही है और निष्कर्ष आने के बाद हम काफी सख्त एक्शन लेंगे, जो अन्य एयरलाइंस के लिए एक मिसाल बनेगा।
राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए नायडू ने बताया कि यह स्थिति इंडिगो के आंतरिक संचालन में समस्या के कारण उत्पन्न हुई है, जिसमें क्रू का रोस्टरिंग सिस्टम और आंतरिक योजना शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत के बाद लागू किए हैं। अप्रैल में, उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे लागू किया गया था। कुल 22 एफडीटीएल नियम थे, जिनमें से 15 एक जुलाई से और बाकी 7 एक नवंबर से लागू हुए हैं।
तब से, डीसीसीए एफडीटीएल नियमों पर सभी एयरलाइनों के साथ बातचीत कर रहा था। इस संदर्भ में एक दिसंबर को इंडिगो के साथ भी चर्चा हुई थी, क्योंकि उन्होंने नियमों पर कुछ स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन तब उन्होंने इस समस्या का जिक्र नहीं किया था और सभी चीजें सामान्य थीं।
नायडू ने कहा कि जैसे ही तीन दिसंबर को यह समस्या सामने आई, मंत्रालय ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए थे। हमने हवाई अड्डों पर स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया है। हमने सभी पक्षों से सलाह-मशविरा किया है और फिर देखा कि उन दो दिनों में हालात कैसे बदल गए। हालांकि, यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
नायडू ने कहा कि सभी पक्षों को स्पष्ट कर दिया गया है कि सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और किसी भी कीमत पर इससे समझौता नहीं किया जाएगा। हमारे लिए क्रू, पायलट और यात्रियों के साथ पूरे सिस्टम की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अंत में, नायडू ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जांच के बाद हम काफी सख्त एक्शन लेंगे, जो अन्य एयरलाइंस के लिए मिसाल बनेगा।