क्या बिहार में लालू यादव की पार्टी कांग्रेस है? : प्रशांत किशोर

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य जारी है।
- सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
- बिहार विधानसभा चुनाव में सियासी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।
- युवाओं के मतदाता अधिकारों की सुरक्षा आवश्यक है।
रोहतास, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को सुदृढ़ करने में जुट गए हैं। इसी बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला।
प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस, बिहार में लालू यादव की पिछलग्गू पार्टी बन गई है। उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के मंच पर पप्पू यादव एवं कन्हैया कुमार को स्थान न मिलने पर टिप्पणी की कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है।
बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उन्होंने कहा कि अदालत का निर्णय उचित है। 18 वर्ष से अधिक आयु वाले युवाओं को वोट देने का अधिकार है और उन्हें रोकना गलत है। चुनाव आयोग की गतिविधियाँ अनुचित हैं। हमें विश्वास है कि न्यायालय से हमें न्याय मिलेगा और सभी इच्छुक वोटरों को उनका अधिकार मिलेगा।
ज्ञात हो कि बिहार बदलाव यात्रा के तहत प्रशांत किशोर गुरुवार को रोहतास जिले के बिक्रमगंज पहुँचे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को पुनरीक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत अब तक 66.16 प्रतिशत यानी 5.22 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म एकत्रित किए जा चुके हैं। यह पुनरीक्षण कार्य 24 जून से प्रारंभ हुआ था और अब तक 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 5.22 करोड़ के एन्यूमरेशन फॉर्म जमा किए जा चुके हैं। आयोग के अनुसार, फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है और मौजूदा गति को ध्यान में रखते हुए यह कार्य समय से पूर्व पूरा होने की संभावना है।