क्या बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर 84 हजार से अधिक आवेदन और राजनीतिक दलों की केवल दो आपत्तियां हैं?

सारांश
Key Takeaways
- 84,305 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
- राजनीतिक दलों ने सिर्फ 2 आपत्तियां दर्ज की हैं।
- विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत 2,63,257 नए मतदाता शामिल हुए हैं।
- आवेदन करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर है।
- गैर-मतदाता भी आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।
पटना, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को जानकारी दी कि बिहार में मतदाताओं से मसौदा मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए 84,305 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि राजनीतिक दलों से केवल 2 आपत्तियां आई हैं।
चुनाव आयोग ने दैनिक बुलेटिन में बताया कि इन 84,305 आवेदनों में से 6,092 का समाधान निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा किया जा चुका है। ईसीआई ने बताया कि सीपीआई (एमएल) लिबरेशन एकमात्र पार्टी है जिसने मसौदा मतदाता सूची से संबंधित दो शिकायतें दर्ज की हैं। आयोग ने यह भी कहा कि बार-बार अपील के बावजूद, राजनीतिक दलों ने संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया है।
दैनिक बुलेटिन के अनुसार, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद, 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 2,63,257 नए मतदाताओं ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया है।
आयोग ने मतदाताओं, दलों और उनके 1.6 लाख बूथ-स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को त्रुटियों को पहचानने के लिए एक महीने का समय दिया है। वर्तमान में, दावों और आपत्तियों की समय सीमा समाप्त होने में केवल 10 दिन शेष हैं। 1 अगस्त को शुरू हुई यह प्रक्रिया 1 सितंबर तक जारी रहेगी।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो भी पात्र मतदाता 1 सितंबर तक आधार के साथ फॉर्म 6 दाखिल कर सकते हैं, जबकि अपात्र नामों पर आपत्ति संबंधित विधानसभा क्षेत्र के किसी भी मतदाता द्वारा फॉर्म 7 के माध्यम से दर्ज की जा सकती है। मान्यता प्राप्त दलों के बीएलए भी मतदाताओं की ओर से फॉर्म 6 और 7 दाखिल कर सकते हैं।
आयोग ने कहा कि किसी निर्वाचन क्षेत्र के गैर-मतदाता भी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं, बशर्ते वे मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत घोषणा प्रस्तुत करें।