क्या बिहार के प्रसिद्ध थावे मंदिर चोरी मामले का पुलिस ने किया खुलासा?
सारांश
Key Takeaways
- थावे मंदिर चोरी की घटना 17 दिसंबर को हुई।
- दीपक राय को गिरफ्तार किया गया है।
- पुलिस ने यूपी में छापेमारी शुरू की है।
- आभूषण की बरामदगी के लिए प्रयास जारी हैं।
- पुलिस की जांच में एसआईटी का गठन किया गया था।
गोपालगंज, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के गोपालगंज में प्रसिद्ध थावे मंदिर चोरी मामले का पुलिस ने मंगलवार को खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में यूपी के गाजीपुर जिले के निवासी दीपक राय को गिरफ्तार किया है। अब पुलिस आभूषण की बरामदगी के लिए यूपी के कई क्षेत्रों में छापेमारी कर रही है।
गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बताया कि बिहार के प्रमुख सिद्धपीठ थावे दुर्गा मंदिर में हुई चोरी की घटना की जांच चल रही थी। इस मामले के लिए एसआईटी का गठन किया गया था, जिसके चलते 12 अलग-अलग टीमें जांच के लिए विभिन्न राज्यों में भेजी गईं।
उन्होंने बताया कि इसी दौरान गाजीपुर के जमानियां निवासी दीपक राय से पूछताछ की गई और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि दीपक ने इससे पहले कई मंदिरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इसी साल मार्च में उसने यूपी के मऊ में शीतला मंदिर में भी चोरी की थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। 13 नवंबर को जेल से बाहर आने के बाद दीपक ने थावे मंदिर में चोरी की योजना बनाई थी।
उन्होंने दावा किया कि आरोपियों ने 10 और 11 दिसंबर को थावे मंदिर में रेकी की और 17 दिसंबर को घटना को अंजाम दिया।
पुलिस ने आरोपी के पास से घटना के दिन पहने हुए जूते, बैग और मफलर बरामद किए हैं। इस चोरी में अभी तक केवल दो लोगों की संलिप्तता सामने आई है।
पुलिस ने बताया कि चोरी गए आभूषणों की बरामदगी के लिए यूपी के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी जारी है।
17 दिसंबर को थावे मंदिर के गर्भगृह से माता का सोने का मुकुट, सोने की छतरी और सोने का हार चोरी किया गया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में दो चोरों की तस्वीरें भी प्राप्त की हैं। इस मामले में पुलिस के उच्च अधिकारियों ने टीओपी प्रभारी धीरज कुमार को निलंबित कर दिया है, जबकि बिहार स्पेशल ऑक्जिलियरी पुलिस (सैप) के चार जवानों को बर्खास्त किया गया है।