क्या बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' सफल होगी और चुनावी नतीजों का अन्य राज्यों पर असर होगा?

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क्या बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' सफल होगी और चुनावी नतीजों का अन्य राज्यों पर असर होगा?

सारांश

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने बताया है कि बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' ने जनसमर्थन प्राप्त किया है। यह यात्रा न केवल बिहार में बल्कि अन्य राज्यों में भी चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं इस आंदोलन के महत्व और संभावनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • वोटर अधिकार यात्रा ने बिहार में व्यापक जन समर्थन प्राप्त किया है।
  • यह आंदोलन लोकतांत्रिक ताकतों को नई ऊर्जा दे रहा है।
  • आंदोलन का असर तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल पर भी पड़ेगा।
  • सीपीआई ने जीएसटी के कार्यान्वयन का विरोध किया है।
  • राज्य सरकारों और नागरिकों का जीएसटी पर असंतोष है।

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने जानकारी दी कि अखिल भारतीय पार्टी कांग्रेस महाधिवेशन 21 से 25 सितंबर तक चंडीगढ़ में होने जा रहा है। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम से पहले विभिन्न राज्यों में सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें भुवनेश्वर में चल रहा ओडिशा राज्य सम्मेलन भी शामिल है।

डी राजा ने बताया कि ओडिशा सम्मेलन के दौरान राज्य सचिव ने मौजूदा राजनीतिक माहौल पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की और भाजपा-आरएसएस गठबंधन का सामना करने की रणनीतियों का खाका तैयार किया।

उन्होंने बताया कि इस योजना में भाकपा के संगठनात्मक आधार को सशक्त बनाने, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों के एकीकरण, और राज्य में दक्षिणपंथी एवं फासीवादी तत्वों के खिलाफ वामपंथी और कम्युनिस्ट समूहों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

डी राजा ने बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हाल ही में संपन्न 'वोटर अधिकार यात्रा' की प्रशंसा की, इसे एक अत्यंत सफल आंदोलन बताते हुए कहा कि इसे व्यापक जन समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने लोकतांत्रिक ताकतों को नई ऊर्जा दी है और बिहार में राजनीतिक बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया है।

भाकपा नेता ने यह भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार का शासन जन आकांक्षाओं को पूरा करने में असफल रहा है। बिहार चुनाव के परिणामों का तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसी अन्य राज्यों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

जीएसटी के फैसले पर टिप्पणी करते हुए डी राजा ने याद दिलाया कि सीपीआई ने जीएसटी के कार्यान्वयन का विरोध किया था। उन्होंने कहा, "हमने महत्वपूर्ण प्रश्न और चिंताएं उठाईं, लेकिन सरकार ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।"

उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों और आम नागरिकों ने भी जीएसटी पर असंतोष व्यक्त किया था, जिससे केंद्र को अपना रुख बदलने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने बताया कि स्लैब कम करने और सरलीकरण की दिशा में हाल के कदम सीपीआई के जीएसटी के विपक्ष में निरंतर रुख को स्पष्ट करते हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' ने न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी गहरे प्रभाव डालने की क्षमता रखती है। यह एक महत्वपूर्ण समय है जब चुनावी रणनीतियों को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य क्या है?
यह यात्रा लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा और राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित की गई है।
डी राजा का इस यात्रा के बारे में क्या कहना है?
डी राजा ने इसे 'बेहद सफल' बताया और कहा कि इसने लोकतांत्रिक ताकतों को ऊर्जा प्रदान की है।
क्या यह यात्रा अन्य राज्यों पर भी असर डालेगी?
हां, इस यात्रा के नतीजों का अन्य राज्यों पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।