क्या बिहार में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के कारण एनडीए को प्रचंड जीत मिली?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए ने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा।
- बिहार की जनता ने प्रचंड जीत दी।
- योगेश कदम ने पीएम मोदी और नीतीश कुमार की तारीफ की।
- विपक्ष ने हार का बहाना बनाया।
- बिहार में विकास की गति तेज हुई है।
कोलकाता, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रचंड जीत के बाद विभिन्न राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता योगेश कदम ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि एनडीए ने बिहार में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा, जिसके कारण यह प्रचंड जीत हासिल हुई।
योगेश कदम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "बिहार की जनता द्वारा दिया गया रिजल्ट अपने आप में एक रिकॉर्ड है। यदि हम पूरे देश में देखें, तो पीएम मोदी के नेतृत्व में विकास आधारित प्रचार किया जाता है।"
उन्होंने कहा, "लालू प्रसाद यादव के गुंडाराज ने बिहार को 20-25 साल पीछे धकेल दिया है। जनता में उस पर गुस्सा था और इसका प्रभाव चुनाव में स्पष्ट रूप से देखा गया। बिहार की जनता को विकास चाहिए। प्रदेश से जो लोग पलायन कर रहे थे, उसकी वजह यही थी कि बिहार में विकास के कार्य नहीं हो रहे थे, लेकिन अब बिहार तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। बिहार की जनता ने पीएम मोदी के इस विजन को अपनाया है, जिसका परिणाम हमें देखने को मिल रहा है।"
योगेश कदम ने यह भी कहा, "बिहार में केवल महिलाओं के वोट से चुनाव जीतना कहना गलत होगा। यहाँ पुरुषों और युवाओं ने भी मतदान किया है। पूरी दुनिया भारत को एक युवा देश के रूप में जानती है। बिहार के युवाओं ने भी विकास के मुद्दे पर मतदान किया है। यह कहना गलत होगा कि केवल एक वर्ग या योजना के कारण हमने जीत हासिल की। हमने विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ा, जिसके परिणामस्वरूप एनडीए को प्रचंड जीत मिली है।"
विपक्ष द्वारा एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के मुद्दे पर चुनाव लड़ने पर राम कदम ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, "विपक्ष को अपनी हार पहले से ही दिख रही थी, इसलिए वे हार का बहाना बना रहे थे। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया। जनता ने उन्हें इसका जवाब दे दिया।"