क्या जनता को बिहार के नागरिक होने का प्रमाण देना होगा? : सुप्रियो भट्टाचार्य

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क्या जनता को बिहार के नागरिक होने का प्रमाण देना होगा? : सुप्रियो भट्टाचार्य

सारांश

सुप्रियो भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बिहार की जनता को नागरिकता का प्रमाण देना होगा। आधार और वोटर कार्ड की मान्यता खत्म कर दी गई है। यह सब चुनाव प्रक्रिया को जटिल बनाने के लिए किया जा रहा है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • बिहार के नागरिकों को नागरिकता का प्रमाण देना होगा।
  • आधार और वोटर कार्ड मान्य नहीं होंगे।
  • चुनाव प्रक्रिया को जटिल बनाने का प्रयास हो रहा है।
  • भाजपा की हार से बचाने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।
  • झारखंड में भी इसी प्रक्रिया की शुरुआत की जा रही है।

रांची, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को चुनाव आयोग और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला किया। उन्होंने उल्लेख किया कि अब जनता को बिहार का नागरिक होने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, जिसमें आधार कार्ड और वोटर कार्ड का एपिक नंबर मान्य नहीं होगा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह सब बिहार चुनाव प्रक्रिया को जटिल बनाने और राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बीते दो दिनों में देश में चुनाव आयोग और आरएसएस के बीच एक संधि हुई है, जो देश के संविधान से समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही है। चुनाव आयोग का टैगलाइन है - 'नो वोटर लेफ्ट बिहाइंड'। इसका मतलब है कि कोई भी मतदाता छूटे नहीं। लेकिन अब बिहार में मतदाताओं को छोड़ने की योजना बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि एक अजीब सा आदेश जारी किया गया है कि बिहार के आठ करोड़ मतदाताओं को एक महीने के भीतर खुद को बिहारी होने और बिहार का मतदाता होने का प्रमाण देना होगा। हालांकि, इस प्रमाण में आधार और वोटर कार्ड का एपिक नंबर मान्य नहीं होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि यह सब बिहार में होने वाले चुनावों के कारण हो रहा है। भाजपा की निश्चित हार से बचाने के लिए चुनाव प्रक्रिया को जटिल बनाया जा रहा है। बिहार चुनाव को टालकर और राष्ट्रपति शासन लागू करने की योजना बनाई जा रही है।

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले द्वारा संविधान की प्रस्तावना में आपातकाल के दौरान शामिल किए गए 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों पर विचार करने के बयान पर झामुमो नेता ने कहा, "पहले होसबोले बताएं कि वे देश के संविधान को मानते हैं या नहीं। मौलिक अधिकार में ही मताधिकार का उल्लेख है, इसलिए चुनाव आयोग का यह कदम गलत है।"

उन्होंने जानकारी दी कि अगस्त से झारखंड में भी इस प्रक्रिया की शुरुआत होने की संभावना है।

Point of View

NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या बिहार के नागरिकों को नागरिकता का प्रमाण देना अनिवार्य है?
हां, सुप्रियो भट्टाचार्य के अनुसार, अब बिहार के नागरिकों को अपने नागरिक होने का प्रमाण देना होगा।
आधार और वोटर कार्ड को क्यों मान्यता नहीं दी गई?
सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि आधार और वोटर कार्ड का एपिक नंबर मान्य नहीं होगा।
इस कदम का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य बिहार चुनाव प्रक्रिया को जटिल बनाना और संभावित राष्ट्रपति शासन लागू करना बताया जा रहा है।