क्या विपक्ष ने बिहार विधानसभा में संवैधानिक व्यवस्था को शर्मसार किया? दिलीप जायसवाल

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष का हंगामा संविधानिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है।
- मतदाताओं के लिए एक महीने का समय है अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए।
- भाजपा वैध मतदाताओं की मदद करने का वादा कर रही है।
पटना, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के हंगामे की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अन्यायपूर्ण और संविधानिक व्यवस्था को कलंकित करने वाला करार दिया।
शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से चर्चा के दौरान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि विपक्ष को विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का इंतजार करना चाहिए। यदि इस प्रक्रिया के बाद भी कोई वैध मतदाता छूटता है, तो उस समय आवाज उठाना उचित होगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मतदाताओं के पास अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए एक महीने का समय है, और यह समय पर्याप्त है। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया के लिए समय भी निर्धारित किया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने यह दावा किया कि मृत मतदाताओं और ऐसे मतदाताओं के नाम जो दो बूथों पर दर्ज हैं या जिनका पता गलत है, उन्हें मतदाता सूची से हटाना आवश्यक है। क्या विपक्ष ऐसा नहीं चाहता?
जायसवाल ने आश्वासन दिया कि यदि कोई वैध मतदाता छूटता है, तो भाजपा उनके साथ खड़ी होगी और उन्हें मतदाता सूची में शामिल कराने में सहायता करेगी। विपक्ष यदि इस मुद्दे को उठाता है, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा, लेकिन अभी हंगामा करना उचित नहीं है।
विपक्ष को यह ज्ञात है कि यह प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही है, फिर भी विपक्ष हंगामा कर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहा है, जबकि अभी तक मतदाताओं से कोई शिकायत नहीं आई है।
दिलीप जायसवाल ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल पर कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए ६० लाख प्राथमिक सदस्य और डेढ़ लाख सक्रिय सदस्य बनाए गए हैं।
जायसवाल ने कहा कि उन्होंने दिन-रात मेहनत की और एक-एक कार्यकर्ता को जोड़ा, जिसमें उन्हें सफलता प्राप्त हुई। भविष्य में, पक्ष हो या विपक्ष, संविधानिक तरीके से अपनी आवाज उठाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के ११ वर्ष के कार्यकाल में भारत ने चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर इतिहास रचा है। मैं उनकी लंबी आयु की कामना करता हूँ।