क्या बीजापुर–दंतेवाड़ा सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान ने 12 माओवादी ढेर किए?
Key Takeaways
- बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान ने 12 माओवादी ढेर किए।
- 3 जवान इस मुठभेड़ में शहीद हुए।
- भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया।
- सुरक्षा बलों ने आक्रामक कार्रवाई जारी रखी।
- माओवादी कैडरों की पहचान अभी की जानी बाकी है।
बीजापुर, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बस्तर रेंज में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक विशाल और निर्णायक अभियान का आरंभ किया है। बीजापुर–दंतेवाड़ा अंतरजिला सीमा पर उपस्थित पश्चिम बस्तर डिवीजन क्षेत्र में हो रहे इस सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों और माओवादी समूह के बीच बुधवार सुबह से मुठभेड़ जारी रही। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 12 माओवादी कैडरों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
इस अभियान के दौरान 3 जवानों के शहीद होने की भी सूचना है। साथ ही, मौके से एसएलआर राइफलें और .303 राइफलें सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने बताया कि सुबह लगभग 9 बजे से डीआरजी दंतेवाड़ा–बीजापुर, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग की, जिसके बाद मुठभेड़ का सिलसिला लंबे समय तक जारी रहा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सुरक्षा बलों की आक्रामक कार्रवाई लगातार जारी है और इलाके को पूरी तरह से कॉर्डन कर सर्चिंग की जा रही है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने पुष्टि की कि मुठभेड़ स्थल से अब तक 12 माओवादी कैडरों के शव बरामद हुए हैं। मौके से एसएलआर, .303 राइफलें और अन्य हथियार–गोला बारूद भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि मारे गए माओवादियों की पहचान अभी तक की जानी बाकी है।
इस मुठभेड़ में डीआरजी बीजापुर के तीन बहादुर जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, डीआरजी के जवान सोमदेव यादव घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया है और उनकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
इससे पहले, नवंबर में सुरक्षा बलों ने नेशनल पार्क क्षेत्र के घने जंगलों में एक बड़ी कार्रवाई की थी। डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। 11 नवंबर की सुबह से चली रुक-रुक कर गोलीबारी में 6 कुख्यात माओवादी मारे गए। मारे गए माओवादियों पर कुल 27 लाख रुपए का इनाम था। यह मुठभेड़ कांदुलनार-कचलारम जंगलों में हुई, जो पश्चिम और दक्षिण बस्तर डिवीजन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।