क्या आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ रहा है? इन योगासनों से पाएं बिना दवा के राहत!

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क्या आपके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ रहा है? इन योगासनों से पाएं बिना दवा के राहत!

सारांश

क्या आप जानते हैं कि बदलती जीवनशैली से यूरिक एसिड का स्तर कैसे बढ़ रहा है? जानें कैसे कुछ सरल योगासन आपकी मदद कर सकते हैं। पढ़ें हमारे लेख में और अपनी सेहत को बनाए रखें।

Key Takeaways

  • यूरिक एसिड का बढ़ना एक आम समस्या है।
  • योगासन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
  • भुजंगासन, उष्ट्रासन, और त्रिकोणासन प्रमुख योगासन हैं।
  • इन योगासनों से रक्त संचार में सुधार होता है।
  • सही खानपान और जीवनशैली भी जरूरी है।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की बदलती जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और फास्ट फूड की बढ़ती आदतों ने स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। विशेष रूप से खानपान की गलत आदतों के कारण कई प्रकार की बीमारियां लोगों को प्रभावित कर रही हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या है शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना।

यह समस्या अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि युवाओं और यहां तक कि किशोरों में भी देखी जा रही है।

जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है, तो यह जोड़ों में तेज दर्द, सूजन और गठिया जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे कई योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है, जो बिना दवा के यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

भुजंगासन: इस आसन में जब आप पेट के बल लेटकर शरीर के ऊपरी भाग को उठाते हैं, तो पेट, कमर और पीठ में गहरा खिंचाव आता है। यह खिंचाव किडनी और लिवर जैसे आंतरिक अंगों को हल्का मसाज देने का काम करता है। यह आसन किडनी के चारों ओर के हिस्से में रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे किडनी की सफाई में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह पाचन को सुधारता है, जिससे शरीर में अतिरिक्त प्यूरिन की मात्रा कम होती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर घटता है।

उष्ट्रासन: इस आसन में आप घुटनों पर बैठकर शरीर को पीछे की ओर झुकाते हैं। इस समय पेट, छाती और रीढ़ की हड्डी पूरी तरह खुलती है और उनमें लचीलापन आता है। इस आसन के दौरान रक्त का प्रवाह तेज होता है, विशेषकर लिवर, किडनी और पाचन तंत्र पर, जो शरीर से विषैले तत्वों जैसे यूरिक एसिड को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

त्रिकोणासन: इस आसन में जब आप एक तरफ झुकते हैं, तो कमर और जांघों में खिंचाव आता है। यह आसन पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाता है। जब रक्त संचार सुधारता है, तो यूरिक एसिड जैसे विषैले तत्व एक जगह इकट्ठा नहीं होते। यह आसन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर धीरे-धीरे घटता है और जोड़ों में सूजन तथा दर्द की शिकायत कम हो जाती है।

Point of View

हमें अपनी जीवनशैली पर ध्यान देकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को रोकना होगा। योगासन का अभ्यास हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और यूरिक एसिड जैसी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

यूरिक एसिड क्या है?
यूरिक एसिड एक रासायनिक यौगिक है जो शरीर में प्यूरीन के टूटने से बनता है।
यूरिक एसिड का बढ़ना क्यों होता है?
यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना मुख्यतः खानपान की गलत आदतों, तनाव और जीवनशैली के कारण होता है।
योगासन से यूरिक एसिड कैसे कम किया जा सकता है?
कुछ विशेष योगासन जैसे भुजंगासन, उष्ट्रासन और त्रिकोणासन से रक्त संचार बढ़ता है और यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित होता है।
क्या योगासन करने में कोई जोखिम है?
जब तक आप सही तकनीक का पालन करते हैं, योगासन करने में कोई जोखिम नहीं होता। हालांकि, किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
कितनी बार योगासन करना चाहिए?
आपको रोजाना कम से कम 30 मिनट योगासन करना चाहिए, ताकि आप इसके लाभ प्राप्त कर सकें।