क्या हर चीज का नाम बदलने से कुछ होगा? : पृथ्वीराज चव्हाण
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा की नाम बदलने की नीति पर चव्हाण की तीखी प्रतिक्रिया।
- कांग्रेस की हार के बावजूद सुधार की उम्मीद।
- जागरूक जनता का महत्व।
- राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक कदम।
- महात्मा गांधी और नेहरू के योगदान को न भूलने की अपील।
पुणे, १७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भाजपा पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि हर चीज का नाम बदलने से कुछ भी सार्थक नहीं होगा। इससे उनकी छोटी सोच का पता चलता है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "भाजपा की यह सोच है कि कांग्रेस द्वारा किए गए अच्छे कार्यों को मिटा दिया जाए और उनका श्रेय भी किसी और को न मिले। यहां तक कि महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू का नाम भी भुला दिया जाए।"
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भाजपा के लोग स्थानों और योजनाओं के नाम बदल रहे हैं, यह सबसे गंदी राजनीति है। इस विषय पर जितना भी चर्चा की जाए, वह कम होगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा जिस तरह से कार्य कर रही है, वह देश के लिए सही नहीं है। जनता अब जागरूक हो चुकी है और इसका परिणाम जल्द ही सामने आएगा। भाजपा जनता के हितों में काम नहीं कर रही है और न ही इस पर कुछ सोच रही है। उनका एकमात्र उद्देश्य है कि देश में जनता के बीच गलतफहमी फैलाकर शासन किया जाए और लोगों की परेशानियों पर ध्यान न दिया जाए।
कांग्रेस नेता मंजू लता मीणा के विवादित बयान पर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि इस बयान पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता। बस इतना कहना है कि जब हम भाजपा को सत्ता से हटाएंगे, तब इसका अर्थ स्पष्ट होगा। लेकिन जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, वे गलत हैं, इस प्रकार का बयान नहीं देना चाहिए।
कई राज्यों में कांग्रेस की हार पर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हमें अपनी कुछ कमियों को सुधारने की आवश्यकता है, और हम जल्द ही कांग्रेस पार्टी को मजबूत रूप में प्रस्तुत करेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं। जिन राज्यों में हमारी हार हुई है, वहां की योजनाएं बनाई जा रही हैं।