क्या गुजरात हाईकोर्ट का वक्फ ट्रिब्यूनल में फीस भुगतान का फैसला ऐतिहासिक है?

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क्या गुजरात हाईकोर्ट का वक्फ ट्रिब्यूनल में फीस भुगतान का फैसला ऐतिहासिक है?

Key Takeaways

  • वक्फ ट्रिब्यूनल में कोर्ट फीस का भुगतान अनिवार्य।
  • फर्जी दावों में कमी आएगी।
  • सभी के लिए समान कानून की स्थापना।
  • पेंडिंग मामलों का तेजी से निपटारा संभव।
  • गुजरात सरकार ने पारदर्शिता का वादा किया।

अहमदाबाद, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य की वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों पर एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि अब वक्फ ट्रिब्यूनल में दायर होने वाले मामलों में कोर्ट फीस का भुगतान अनिवार्य होगा। गुजरात के डिप्टी सीएम हर्ष संघवी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए सभी के लिए समान कानून की बात की।

पहले के वक्फ एक्ट में फीस के संबंध में स्पष्ट प्रावधानों के अभाव में इन मामलों में फीस नहीं ली जाती थी, जिससे फर्जी या गैर-गंभीर दावों की संख्या बढ़ गई और लंबित मामलों का बैकलॉग बढ़ता गया। हाईकोर्ट के इस निर्णय का प्रभाव छोटे धर्मस्थलों से लेकर बड़ी मस्जिदों तक सभी वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन पर गहरा पड़ेगा।

कोर्ट ने कहा कि कोई भी पक्ष कानून की प्रक्रिया से ऊपर नहीं है और कानून की नजर में सभी समान हैं। इस फैसले से केवल वास्तविक और गंभीर विवाद ही अदालत तक पहुंचेंगे, जिससे लंबित केसों का तेजी से निपटारा संभव हो सकेगा।

हर्ष संघवी ने पत्रकारों से बात करते हुए इस फैसले का स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, "कानून की नजर में सभी समान हैं। यह फैसला न्याय व्यवस्था को मजबूत करेगा और फर्जी दावों पर अंकुश लगाएगा। राज्य सरकार वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है।"

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "वक्फ कानून, जिसे कांग्रेस ने वोट-बैंक की राजनीति के जरिए राजनीतिक फायदे के लिए लाया था, में ऐसे प्रावधान थे, जो वक्फ संपत्तियों और ट्रिब्यूनल मामलों को कोर्ट फीस से छूट देते थे। इसके विपरीत, मंदिरों, गुरुद्वारों और दूसरे धार्मिक संस्थानों से जुड़े संपत्ति और ट्रिब्यूनल मामलों पर कोर्ट फीस लगाई जाती थी।"

संघवी ने आगे बताया, "आज, गुजरात हाई कोर्ट ने लगभग 150 वक्फ जमीनों और ट्रिब्यूनल मामलों पर कोर्ट फीस लगाने का निर्णय लिया है, जो ऐतिहासिक है। हाई कोर्ट के इस निर्णय का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं। फैसले में सभी पर एकसमान कानून की बात पूरी तरह से स्पष्ट नजर आ रही है।"

बता दें कि हाई कोर्ट ने 150 से अधिक अलग-अलग याचिकाओं का एक साथ निपटारा किया। इन याचिकाओं में मुख्य रूप से वक्फ ट्रिब्यूनल द्वारा सुनवाई से पहले कोर्ट फीस के भुगतान की मांग को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने इन चुनौतियों को खारिज करते हुए फीस लागू करने का आदेश दिया।

Point of View

जिससे फर्जी दावों में कमी आएगी।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात हाईकोर्ट का यह फैसला कब लिया गया?
यह फैसला 17 दिसंबर को लिया गया।
क्या यह फैसला वक्फ संपत्तियों पर प्रभाव डालेगा?
हाँ, यह फैसला वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन पर गहरा प्रभाव डालेगा।
कोर्ट फीस का भुगतान क्यों अनिवार्य किया गया?
कोर्ट फीस का भुगतान अनिवार्य किया गया ताकि केवल वास्तविक और गंभीर विवाद ही अदालत तक पहुंचें।
क्या हर्ष संघवी ने इस फैसले का स्वागत किया?
हाँ, हर्ष संघवी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया।
इस फैसले से पेंडिंग केसों का क्या होगा?
इस फैसले से पेंडिंग केसों का तेजी से निपटारा संभव होगा।
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