क्या झामुमो में शामिल होने से भाजपा को घाटशिला उपचुनाव में नुकसान होगा?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड की घाटशिला विधानसभा में उपचुनाव से पहले भाजपा को झटका।
- कई वरिष्ठ नेता झामुमो में शामिल हुए।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्वागत।
- भाजपा ने चार नेताओं को निष्कासित किया।
- राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की संभावना।
जमशेदपुर, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पूर्वी सिंहभूम जिले में एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का दामन थाम लिया। इन नेताओं ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में झामुमो की सदस्यता ग्रहण की।
झामुमो में शामिल होने वालों में जिला परिषद उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, पूर्वी सिंहभूम भाजपा जिला अध्यक्ष (ग्रामीण) एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सौरभ चक्रवर्ती, घाटशिला मंडल अध्यक्ष कौशिक सिन्हा, मुसाबनी भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष तुषार पात्रो, भाजपा के मीडिया प्रभारी सुरेश महली और जमशेदपुर के जंबू अखाड़ा अध्यक्ष बंटी सिंह शामिल हैं। इनके साथ-साथ कई स्थानीय कार्यकर्ता भी झामुमो में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी नेताओं का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि इनके अनुभव और सक्रियता से झामुमो संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि झामुमो की सरकार जनता के भरोसे और विकास की नीतियों पर कायम है और नए साथियों के जुड़ने से यह प्रतिबद्धता और सशक्त होगी।
कार्यक्रम में झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी और जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू भी उपस्थित रहे। भाजपा में शामिल हुए नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में निष्ठा व्यक्त की।
उधर, भाजपा ने इनमें से चार नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने का ऐलान किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री मनोज कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहा गया है कि घाटशिला उपचुनाव प्रचार के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर पूर्वी सिंहभूम के पांच नेताओं सौरभ चक्रवर्ती, पंकज सिन्हा, तुषारकांत, सुरेश महली और कौशिक कुमार को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है।