क्या भाजपा ने अमृतसर को पवित्र नगरी बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया?

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क्या भाजपा ने अमृतसर को पवित्र नगरी बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया?

सारांश

पंजाब भाजपा ने चंडीगढ़ में अमृतसर को पवित्र नगरी का दर्जा देने और शराबबंदी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जगनमोहन सिंह राजू के नेतृत्व में कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। जानिए इस आंदोलन के पीछे की वजह क्या है।

Key Takeaways

  • अमृतसर का धार्मिक महत्व
  • धारा-144 के तहत पुलिस की कार्रवाई
  • शराबबंदी की मांग का समर्थन
  • जगनमोहन सिंह राजू का बयान
  • प्रदर्शन के पीछे का दृष्टिकोण

चंडीगढ़, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमृतसर को पवित्र नगरी का दर्जा देने और शराबबंदी की मांग को लेकर पंजाब भाजपा नेताओं ने सोमवार को चंडीगढ़ में विरोध-प्रदर्शन किया। पंजाब भाजपा के जनरल सेक्रेटरी जगनमोहन सिंह राजू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पंजाब विधानसभा की ओर कूच करने के लिए पंजाब एमएलए हॉस्टल पहुंचे। लेकिन, इससे पहले कि वे विधानसभा तक पहुंच पाते, चंडीगढ़ पुलिस ने रास्ते में ही उन्हें रोक दिया।

पंजाब पुलिस ने धारा-144 का हवाला देते हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को विधानसभा जाने से रोक दिया। लेकिन, भाजपा के नेता विधानसभा जाने की जिद पर अड़े रहे, जिसके चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में जगनमोहन सिंह राजू के अलावा कई अन्य भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।

मीडिया से बात करते हुए जगनमोहन सिंह राजू ने कहा कि हम अमृतसर को पवित्र नगरी का दर्जा देने और वहां पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर शांतिपूर्वक विधानसभा की ओर जा रहे थे, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने जबरन हमें रोक लिया। उन्होंने आगे कहा कि यह न सिर्फ जनतांत्रिक अधिकारों का हनन है, बल्कि सरकार की तानाशाही मानसिकता को भी दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान यह सब देख रहे हैं। लेकिन, हमें उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। पुलिस ने हमारे साथ धक्का-मुक्की भी की, जो निंदनीय है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार मथुरा-वृंदावन, अयोध्या, काशी जैसे धार्मिक स्थलों को पवित्र नगरी घोषित किया गया, उसी तरह सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल अमृतसर को भी विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए।

भाजपा की मांग है कि अमृतसर में शराब की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि शहर की आध्यात्मिक पवित्रता और धार्मिक वातावरण को संरक्षित किया जा सके।

Point of View

बल्कि यह भी दिखाया कि धार्मिक स्थलों के महत्व को लेकर राजनीतिक दलों के बीच की प्रतिस्पर्धा कितनी तीव्र हो गई है। अमृतसर का पवित्रता और धार्मिक महत्व सभी के लिए स्पष्ट है, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीतिक संघर्ष सार्थक समाधानों की ओर ले जाने के बजाय केवल तनाव बढ़ा रहा है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

अमृतसर को पवित्र नगरी का दर्जा क्यों दिया जाना चाहिए?
अमृतसर सिख धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है और इसे पवित्र नगरी का दर्जा देने से इसकी आध्यात्मिक और धार्मिक पवित्रता को संरक्षित किया जा सकेगा।
भाजपा ने इस प्रदर्शन का आयोजन क्यों किया?
भाजपा ने अमृतसर को पवित्र नगरी का दर्जा देने और शराबबंदी की मांग को लेकर यह प्रदर्शन आयोजित किया।
पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को क्यों रोका?
पुलिस ने धारा-144 का हवाला देते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को विधानसभा जाने से रोका।
जगनमोहन सिंह राजू ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह जनतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है।
अमृतसर में शराबबंदी की मांग के पीछे क्या कारण है?
शराबबंदी से शहर की आध्यात्मिक पवित्रता और धार्मिक वातावरण को संरक्षित किया जा सकेगा।