क्या नंदकिशोर यादव ने पार्टी के निर्णय का समर्थन किया? नई पीढ़ी का स्वागत कैसे किया?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा ने 71 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
- नंदकिशोर यादव का टिकट कटना एक बड़ा निर्णय है।
- पार्टी ने नए चेहरों को मौका देकर युवा नेतृत्व को बढ़ावा दिया है।
- कुछ क्षेत्रों में असंतोष की आशंका है।
- बीजेपी का लक्ष्य 243 सीटों पर चुनाव लड़ना है।
पटना, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इस सूची में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिले हैं, जिसमें 10 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए हैं।
इस सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का है, जिन्हें पटना साहिब सीट से हटा कर रत्नेश कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा आलाकमान के इस निर्णय ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।
नंदकिशोर यादव ने टिकट कटने पर पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हुए कहा, "मैं भारतीय जनता पार्टी के निर्णय के साथ हूं। पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है, और मुझे कोई शिकायत नहीं है। नई पीढ़ी का स्वागत और अभिनंदन है। पटना साहिब की जनता ने मुझे लगातार सात बार विजयी बनाया, उनका स्नेह और प्यार मैं कभी नहीं भूलूंगा।"
वहीं, बीजेपी ने दीघा सीट से संजीव चौरसिया को उम्मीदवार बनाया है, जिसके बाद उनके समर्थकों ने पटना में जश्न मनाया। चौरसिया ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "मैं केंद्रीय नेतृत्व, राज्य नेतृत्व और दोनों उपमुख्यमंत्री के अलावा विनोद तावड़े और धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त करता हूं। दीघा की जनता का विशेष आभार, जिनके समर्थन से मुझे तीसरी बार एनडीए उम्मीदवार के रूप में जनसेवा का अवसर मिला है। मैं अभी भावुक हूं।"
बीजेपी एमएलसी संजय मयूख ने उम्मीदवारों की सूची पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "आज 71 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है, जिसमें सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। एनडीए में मजबूत गति है, और गठबंधन पूरी तरह एकजुट है। हम 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखते हैं।"
बीजेपी की इस सूची में नए चेहरों को मौका देकर पार्टी ने युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संदेश दिया है। हालांकि, वरिष्ठ नेताओं के टिकट कटने से कुछ क्षेत्रों में असंतोष की आशंका है।