क्या बिहार में भाजपा की राजगीर में संगठनात्मक बैठक से चुनावी रणनीति मजबूत होगी?

सारांश
Key Takeaways
- बीएल संतोष का दौरा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है।
- राजगीर में संगठनात्मक बैठक आयोजित की जाएगी।
- भाजपा की 'मिशन 2025' की रणनीतियों पर चर्चा होगी।
- प्रवासी मतदाताओं तक पहुंचने की योजना बनाई गई है।
- संतोष की अगुवाई में पार्टी आक्रामक रणनीति अपनाएगी।
पटना, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने शुक्रवार को पटना का दौरा किया, जो तीन दिनों तक चलेगा। यह दौरा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। संतोष की अध्यक्षता में राजगीर में एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।
इस बैठक का प्रमुख उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति का निर्माण करना और संगठन को मजबूत करना है। संतोष का यह दौरा भाजपा के 'मिशन 2025' का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत पार्टी बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की स्थिति को और मजबूत करने की योजना बना रही है। बैठक में संगठन महापर्व की उपलब्धियों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य की संगठनात्मक गतिविधियों के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में शामिल भाजपा के मंत्रियों के कार्यों का आकलन भी कोर ग्रुप की बैठक में किया जाएगा।
संतोष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा करेंगे ताकि संगठन और वैचारिक समन्वय को मजबूत किया जा सके। बैठक में बिहार में प्रवासी मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भाजपा ने पहले ही 150 जिलों में प्रवासी बिहारी मतदाताओं से संपर्क करने की योजना बनाई है ताकि वे दीपावली-छठ के दौरान बिहार लौटकर मतदान कर सकें। इस रणनीति को 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम के अंतर्गत लागू किया जा रहा है।
पार्टी ने इस वर्ष मार्च में बिहार दिवस समारोह के दौरान भी प्रवासी मतदाताओं से संपर्क किया था, और अब इस डेटा को एक ऐप पर अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही है।
बीएल संतोष को संगठनात्मक कौशल और चुनावी रणनीति में दक्षता प्राप्त है। कर्नाटक में 8 वर्षों तक भाजपा के संगठन महामंत्री रहने के बाद, 2014 में उन्हें दक्षिणी राज्यों का प्रभारी बनाया गया था।
2019 में उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) नियुक्त किया गया, जो पार्टी में दूसरा सबसे शक्तिशाली पद माना जाता है। यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को एकजुट करने और मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, संतोष की अगुवाई में भाजपा बिहार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाएगी।