क्या भाजपा सांसद ने ममता बनर्जी को घेरते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में हाल की बाढ़ ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाया है।
- भाजपा सांसदों पर हमले ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है।
- राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
फर्रुखाबाद, ७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में आई बाढ़ और सोमवार को भाजपा सांसद खगेन मुर्मू तथा विधायक शंकर घोष पर हुए हमले के बाद राजनीतिक बयानबाजियों में तेजी आई है। सांसद मुकेश राजपूत ने भाजपा नेताओं पर हुए हमले की घटना को गंभीर बताते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि बंगाल में हमारे सांसद के ऊपर जिस प्रकार से कातिलाना हमला किया गया, वे लहूलुहान थे और जानलेवा इरादे से उन पर हमला हुआ। वे ईश्वर की कृपा से बच गए। दीदी को अपने राज्य में व्याप्त जंगलराज को सुधारने का कार्य करना चाहिए। बंगाल में आज माताओं और बहनों का उत्पीड़न हो रहा है, और उनके साथ खुलेआम दुराचार किया जा रहा है। विद्यालयों में बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं, सड़कों और बाजारों में भी बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि दीदी की सरकार में शिक्षकों की भर्ती में बड़ा घोटाला हुआ है। ऐसे में उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की तरफ उंगली उठाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। अगर वह बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं, तो राज्य सरकार का कर्तव्य और धर्म बनता है कि वह अपने राज्य को संभाले। इसमें भारत सरकार सहयोगी है और बराबर सहयोग कर रही है।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाने का कार्य राज्य सरकार का है। राज्य सरकार यदि किसी भी प्रकार का सहयोग मांगती है, तो भारत सरकार हमेशा उपलब्ध कराती है।
भाजपा सांसद ने कहा कि सोमवार को जिस प्रकार से हमारे सांसद साथी पर हमला हुआ, उसे देखते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। वह प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मांग करते हैं कि वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और जब समय अनुकूल हो, तब वहाँ चुनाव कराए जाएं।