क्या बोकारो में इलेक्ट्रो स्टील प्लांट में रोजगार की मांग पर प्रदर्शन से हालात बिगड़ गए?

सारांश
Key Takeaways
- बोकारो में प्रदर्शन ने स्थानीय युवाओं की रोजगार की चिंता को उजागर किया।
- पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प से स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
- प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।
- स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी बाहरी लोगों को प्राथमिकता दे रही है।
- यह घटना रोजगार के मुद्दे पर स्थानीय समुदाय की आवाज को दर्शाती है।
बोकारो, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के बोकारो जिले के चंदनकियारी स्थित वेदांता इलेक्ट्रो स्टील कंपनी में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग को लेकर बुधवार को प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हो गई।
इस घटना में सियालजोरी थाना प्रभारी मनीष कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में चोट आई है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इलेक्ट्रो स्टील के आसपास स्थित गांवों के ग्रामीण झारखंड शोषण मुक्ति उलगुलान मंच के बैनर तले कंपनी में रोजगार की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बुधवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण अलकुशा मोड़ पहुंचे और सड़क जाम कर दिया। इस दौरान यातायात घंटों बाधित रहा। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी मनीष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने और सड़क जाम खत्म करने की अपील की। साथ ही कंपनी प्रबंधन से वार्ता कराने का भी आश्वासन दिया।
लेकिन, प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि प्रबंधन के लोगों को यहीं आना पड़ेगा। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस बढ़ी और देखते ही देखते धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। पुलिस ने हालात को काबू में कर लिया है, हालांकि ग्रामीणों के बीच आक्रोश अभी भी बना हुआ है।
प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है। प्रदर्शन में प्लांट से सटे चंदाहा, सियालजोरी व भागाबांध के सैकड़ों रैयत शामिल थे।
उनका आरोप है कि कंपनी रोजगार में बाहरी लोगों को प्राथमिकता दे रही है और स्थानीय युवाओं की अनदेखी की जा रही है। पूर्व में भी ग्रामीणों ने कंपनी में नियोजन, विस्थापितों को उचित मुआवजा सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था। इसे लेकर ग्रामीणों और पुलिस के बीच टकराव की घटनाएं हो चुकी हैं।