क्या अखिलेश यादव के शासन में गुंडे-बदमाश पले-बढ़े?

सारांश
Key Takeaways
- ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- अखिलेश यादव के शासनकाल में गुंडे-बदमाश पनपे हैं।
- भाजपा सरकार में अस्पतालों की स्थिति में सुधार हुआ है।
- जीएसटी को एक उपहार के रूप में देखा गया है।
- स्वदेशी मूवमेंट के लिए जनता से अपील की गई है।
लखनऊ, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने आजम खान पर चल रहे मुकदमों को वापस लेने की बात की थी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव के शासनकाल में गुंडे-बदमाशों का विकास हुआ है।
ब्रजेश पाठक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब अखिलेश यादव २०१२ में मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी पहली कैबिनेट बैठक में कई आतंकियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे वापस लिए गए थे, जिन्होंने लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या में बम धमाके किए थे। उन्होंने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव से कानून व्यवस्था के बारे में क्यों पूछा जाए? उनके शासन में हमेशा गुंडा-बदमाश पनपे हैं। हमारी प्रतिबद्धता है कि हम उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारेंगे और न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेंगे।
ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव के सिविल अस्पताल की स्थिति पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने अस्पतालों को तबेले में बदल दिया था, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार में अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन किया गया है। उन्हें अपनी आँखों पर पड़े पर्दे को हटाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब में किए गए सुधार का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रधानमंत्री मोदी का एक बड़ा उपहार है, जो नवरात्रि और दशहरा के शुभ अवसर पर देशवासियों को दिया गया है। यह व्यापारियों और आम लोगों के लिए लाभकारी है। सभी वर्ग के लोग प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने स्वदेशी मूवमेंट के लिए जनता से अपील की है। सभी ने इसका स्वागत किया है और माना है कि हम केवल भारत में निर्मित वस्तुएं खरीदेंगे और बेचेंगे।