क्या सीजीएचएस मेरठ के अतिरिक्त निदेशक और अधीक्षक पर रिश्वतखोरी का आरोप है?

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क्या सीजीएचएस मेरठ के अतिरिक्त निदेशक और अधीक्षक पर रिश्वतखोरी का आरोप है?

सारांश

सीजीएचएस, मेरठ के अतिरिक्त निदेशक और अधीक्षक के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला हाल ही में सीबीआई द्वारा उजागर हुआ है। जानिए कैसे यह मामला शुरू हुआ और किस तरह से आरोपियों ने 50 लाख रुपए की मांग की। इस मामले में सीबीआई की कार्रवाई और गिरफ्तारी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को जानें।

Key Takeaways

  • सीजीएचएस मेरठ के अधिकारियों पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप।
  • सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया गया।
  • रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपए की मांग की गई थी।
  • आरोपियों की गिरफ्तारी और तलाशी में बड़ी रकम बरामद हुई।
  • जांच में विभिन्न प्रकार के साक्ष्य एकत्र किए गए।

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को सीजीएचएस, मेरठ के अतिरिक्त निदेशक डॉ. अजय कुमार और कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के एक गंभीर मामले में आरोप पत्र दायर किया। तीसरे आरोपी की पहचान एक निजी व्यक्ति रईस अहमद के रूप में हुई है। यह आरोप पत्र एक विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया।

मामला 12 अगस्त से शुरू हुआ था, जब मेरठ का एक प्रतिष्ठित निजी चिकित्सा समूह ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता, जो मेरठ और आस-पास के क्षेत्रों में कई अस्पताल संचालित करता है, ने आरोप लगाया कि डॉ. अजय कुमार और लवेश सोलंकी ने उनके अस्पतालों को सीजीएचएस के पैनल से न हटाने के लिए 50 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।

शिकायत के बाद, सीबीआई ने आरोपों की पुष्टि करने के लिए एक जाल बिछाया। शिकायतकर्ता और आरोपियों के बीच बातचीत के बाद, उन्होंने 50 लाख रुपए की रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपए लेने के लिए सहमति जताई।

12 अगस्त को सीबीआई की टीम ने अपनी योजना के अनुसार कार्रवाई करते हुए डॉ. अजय कुमार, लवेश सोलंकी और रईस अहमद को शिकायतकर्ता से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने आरोपियों के आवासों पर तलाशी अभियान भी चलाया। इस दौरान, डॉ. अजय कुमार के घर से 29.50 लाख रुपए की नकद राशि और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए, जो उनकी संलिप्तता को और मजबूत करते हैं।

सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान विभिन्न मौखिक, दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए। जांच एजेंसी के अनुसार, इन सबूतों से आरोपियों द्वारा आपराधिक षड्यंत्र की पुष्टि होती है। लगभग दो महीने की विस्तृत जांच के बाद, सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अपना आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।

Point of View

NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

सीजीएचएस क्या है?
सीजीएचएस, यानी केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य सेवा योजना है जो केंद्रीय कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।
सीबीआई ने आरोपियों को कब गिरफ्तार किया?
सीबीआई ने 12 अगस्त को शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते हुए दोनों लोक सेवकों और एक निजी व्यक्ति को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
क्या आरोपियों के खिलाफ और भी साक्ष्य हैं?
हाँ, सीबीआई ने आरोपियों के आवास पर तलाशी के दौरान 29.50 लाख रुपए की नकद राशि और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
क्या यह मामला विशेष सीबीआई अदालत में जाएगा?
हाँ, यह आरोप पत्र विशेष सीबीआई अदालत में दायर किया गया है।
इस मामले में आगे क्या होगा?
अब न्यायालय में सुनवाई होगी और आरोपियों को अपनी सफाई पेश करने का मौका दिया जाएगा।