क्या नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और रोहिणी मामले की जांच होनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- अपर्णा यादव ने मामले की गहन जांच की अपील की है।
- आयोग केवल औपचारिक शिकायत पर कार्रवाई करेगा।
- दोनों पक्षों की बात सुनी जानी चाहिए।
- निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करना आयोग की प्राथमिकता है।
- गंभीर आरोपों की जांच आवश्यक है।
नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और रोहिणी से संबंधित मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस विषय को गंभीर बताते हुए कहा कि इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।
अपर्णा यादव ने कहा कि यदि रोहिणी या संबंधित पक्ष की ओर से कोई औपचारिक शिकायत आयोग को प्राप्त होती है, तो मामले की पुष्टि होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अभी तक रोहिणी की ओर से कोई शिकायत आयोग के पास नहीं आई है।
उन्होंने कहा, "जब भी किसी व्यक्ति पर इस तरह के गंभीर आरोप लगते हैं, तो यह जांच का विषय होता है। हमारी प्राथमिकता है कि पहले शिकायत की पुष्टि हो और तथ्यों की जांच की जाए। अगर हमारे पास शिकायत आती है, तो मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करूंगी कि दोषी को सजा मिले। लेकिन, बिना जांच के किसी के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं होगा। आयोग ने इस मामले में अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं की है, लेकिन यदि शिकायत प्राप्त होती है, तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा।"
अपर्णा यादव ने निष्पक्षता से मामले को देखने की बात की और बताया कि आयोग का दायित्व है कि वह दोनों पक्षों की बात सुने। उन्होंने कहा, "आज के समय में हमें यह समझना होगा कि केवल एक पक्ष को सुनकर निर्णय नहीं लिया जा सकता। चाहे महिला हो या पुरुष, दोनों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर जांच की जानी चाहिए। यदि कोई महिला प्रताड़ित हो रही है, तो यह गंभीर मामला है, लेकिन यह भी देखना होगा कि क्या वास्तव में ऐसा हुआ है। दोनों पक्षों की बात को सुनकर ही कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने इस मामले में अपनी प्रारंभिक जांच की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस शिकायत सामने नहीं आई है। यदि कोई शिकायत दर्ज होती है, तो आयोग तुरंत कार्रवाई करेगा और मामले की तह तक जाएगा। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और न्याय सुनिश्चित करना आयोग की प्राथमिकता है।