क्या छत्तीसगढ़ के इनामी रामधेर मज्जी समेत 11 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण?
सारांश
Key Takeaways
- 1 करोड़ के इनामी नक्सली रामधेर मज्जी ने आत्मसमर्पण किया।
- 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 6 महिलाएं शामिल हैं।
- सुरक्षा बलों की रणनीति ने नक्सलवाद के खिलाफ सफलता दिलाई।
- आत्मसमर्पण से नक्सलियों का संगठन कमजोर हो सकता है।
- नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना बढ़ी है।
खैरागढ़, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए गए एंटी-नक्सल अभियान को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। खैरागढ़ में कार्यरत सीसीएम सदस्य रामधेर मज्जी समेत 11 नक्सलियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।
यह सामूहिक आत्मसमर्पण खैरागढ़ के बकरकट्टा थाना क्षेत्र में रविवार की मध्यरात्रि को हुआ। सभी नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के समक्ष अपने हथियार डाल दिए। सोमवार सुबह आत्मसमर्पण की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई।
आत्मसमर्पण के बाद पुलिस अधिकारियों ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में 6 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इसके साथ ही रामधेर मज्जी का आत्मसमर्पण एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इसके ऊपर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।
पुलिस ने बताया कि रामधेर मज्जी लंबे समय से नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व में था और कई गंभीर नक्सली घटनाओं में इसका नाम सामने आया है। पुलिस लगातार इसकी खोज कर रही थी, और रामधेर को बचने के लिए बार-बार स्थान बदलना पड़ रहा था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में सीसीएम, डीवीसीएम, एसीएम और पीएम स्तर के नक्सली भी शामिल हैं। रामधेर मज्जी के आत्मसमर्पण के बाद यह माना जा रहा है कि नक्सलियों का एमएमसी जोन लगभग समाप्त हो गया है, क्योंकि इसे यही नियंत्रित करता था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी नक्सली मुख्यधारा में लौट सकते हैं।
साल 2025 में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में शीर्ष नक्सली कमांडर बसवाराजू, मनोज उर्फ मॉडेम बालकृष्ण उर्फ राजू दादा, कोसा दादा और नक्सली जयराम का खात्मा किया गया था। सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों से नक्सलियों को लगातार हानि उठानी पड़ रही है, जिससे उनपर दबाव बढ़ा है और कई बड़े नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया है। 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर शीर्ष नक्सली कमांडर हिड़मा का मारा जाना भी इस संदर्भ में महत्वपूर्ण घटना है।