क्या यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स भारत में अपना कैंपस शुरू करने जा रही है?

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क्या यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स भारत में अपना कैंपस शुरू करने जा रही है?

सारांश

ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख यूनिवर्सिटी, 'यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स', जल्द ही भारत में अपना कैंपस खोलने जा रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस महत्वपूर्ण चर्चा की जानकारी दी है। यह कदम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करेगा।

Key Takeaways

  • यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स भारत में कैंपस स्थापित करेगी।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी दी।
  • भविष्य के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-रेडी पीढ़ी तैयार होगी।
  • उच्च शिक्षा में आलोचनात्मक सोच का विकास होगा।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व की शीर्ष-20 विश्वविद्यालयों में गणना की जाने वाली ऑस्ट्रेलिया की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी, 'यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स', जल्द ही भारत में अपना कैंपस स्थापित करने वाली है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्थान है।

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में यह विश्वविद्यालय शीर्ष-20 में शामिल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि यह ऑस्ट्रेलिया का प्रमुख विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर की स्थापना की योजना बना रहा है।

धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर और सहायक मंत्री माननीय जूलियन हिल से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों से मिलकर उन्हें बहुत खुशी हुई।

बैठक के दौरान, शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में भारत–ऑस्ट्रेलिया सहयोग की समीक्षा की गई। भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 'प्री स्कूल से लेकर पीएचडी' तक शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने के विषय पर सार्थक चर्चा की।

उन्हें बताया कि भारत के लिए छात्रों में आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना और एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-रेडी पीढ़ी तैयार करना प्राथमिकता है। धर्मेंद्र प्रधान ने इस बैठक में यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स को लेटर ऑफ इंटेंट प्रदान किया।

उन्होंने इस विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए भारत में स्वागत किया और इसे भारत–ऑस्ट्रेलिया ज्ञान साझेदारी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देश उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग और रणनीतिक अनुसंधान वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसके साथ ही, दो-तरफा शैक्षणिक गतिशीलता के लिए सरल मार्ग तैयार करना भी शामिल है। उन्होंने बताया कि तीसरी ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद की बैठक में शिक्षा के परिदृश्य के परिवर्तन और दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य के लिए चर्चा की गई।

गौरतलब है कि भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय 8 और 9 दिसंबर को नई दिल्ली में उच्चस्तरीय ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी कर रहा है। इस दौरान तीसरी ऑस्ट्रेलिया–भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।

ऑस्ट्रेलिया की ओर से जेसन क्लेयर, शिक्षा मंत्री, और एंड्रयू जाइल्स, कौशल एवं प्रशिक्षण मंत्री सह-अध्यक्ष रहे। इस बैठक में स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के विशेषज्ञ भी शामिल हुए। चर्चा के प्रमुख विषयों में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा, शिक्षक शिक्षा, सहयोगी अनुसंधान, और कुशल कार्यबल का निर्माण शामिल रहा।

Point of View

यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा में सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगा। इससे भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा पाने का अवसर मिलेगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स कब भारत में कैंपस खोलेगी?
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स ने अभी तक कैंपस खोलने की विशेष तिथि घोषित नहीं की है।
क्या यह कैंपस भारतीय छात्रों के लिए खुलेगा?
हाँ, यह कैंपस भारतीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा।
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