क्या आत्मनिर्भरता से भारत के डिफेंस इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम में आ रहा बड़ा बदलाव?

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क्या आत्मनिर्भरता से भारत के डिफेंस इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम में आ रहा बड़ा बदलाव?

सारांश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एएफएफडी पर आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के डिफेंस इकोसिस्टम में हो रहे बड़े बदलावों की चर्चा की। क्या ये बदलाव भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकते हैं? जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर विशेष जानकारी।

Key Takeaways

  • रक्षा उत्पादन में 174 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • भारत 90 से अधिक देशों को रक्षा प्रणालियों का निर्यात करता है।
  • रक्षा बजट 6.81 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
  • सरकार ने निजी कंपनियों को अवसर प्रदान किए हैं।
  • प्रधानमंत्री का 2047 तक आत्मनिर्भरता का लक्ष्य।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस (एएफएफडी) पर कहा कि सरकार देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत के डिफेंस इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव आ रहा है।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा भी था, जब देश हथियारों के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर था, लेकिन अब परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं।

पिछले 10 वर्षों में भारत के रक्षा उत्पादन में 174 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014-15 में 46,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में रिकॉर्ड 1.51 लाख करोड़ रुपए हो गया है। निर्यात में भी वृद्धि हुई है और यह 2013-14 में मात्र 686 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपए हो गया है। भारत अब 90 से अधिक देशों को रक्षा प्रणालियों का निर्यात करता है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत के एक सुरक्षित, आत्मविश्वासी और विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने के लिए रक्षा में आत्मनिर्भरता को बार-बार जरूरी बताया है। भारत के रक्षा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने पर उनका जोर एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है।

ऑपरेशन सिंदूर जैसे सफल अभियानों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वदेशी प्लेटफॉर्म, एक बार युद्ध में प्रमाणित हो जाने पर प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करेंगे और राष्ट्रीय आत्मविश्वास का निर्माण करेंगे। इससे भारत एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित होगा।

रक्षा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की सरकार की नीति ने औद्योगिक आधार का विस्तार करने में मदद की है और भारत निर्मित सैन्य हार्डवेयर को प्राथमिकता ने रक्षा उद्योग के तेज विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के तेज आर्थिक विकास ने सरकार के हाथ में अधिक संसाधन दिए हैं और इस कारण देश के रक्षा बजट का आकार वित्त वर्ष 2025-26 में बढ़कर 6.81 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो कि 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपए था।

Point of View

बल्कि यह देश की आर्थिक वृद्धि और स्वतंत्रता की भावना को भी बढ़ावा दे रहे हैं। यह एक सकारात्मक बदलाव है जो भविष्य में भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख रक्षा निर्माता के रूप में स्थापित कर सकता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत के रक्षा उत्पादन में वृद्धि का क्या कारण है?
भारत के रक्षा उत्पादन में वृद्धि का मुख्य कारण आत्मनिर्भरता की नीति और निजी कंपनियों के लिए क्षेत्र को खोलना है।
रक्षा बजट में वृद्धि का क्या महत्व है?
रक्षा बजट में वृद्धि से देश की सुरक्षा और सैन्य क्षमता को मजबूत किया जा सकता है।
भारत कितने देशों को रक्षा प्रणालियों का निर्यात करता है?
भारत अब 90 से अधिक देशों को रक्षा प्रणालियों का निर्यात करता है।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर एक सफल रक्षा अभियान है, जो स्वदेशी प्लेटफार्मों की क्षमता को दर्शाता है।
आत्मनिर्भरता से भारत को क्या लाभ होगा?
आत्मनिर्भरता से भारत को एक मजबूत रक्षा उद्योग, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
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