क्या छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गरबा को लेकर वक्फ बोर्ड की अपील पर प्रतिक्रिया दी?

सारांश
Key Takeaways
- गरबा
- सभी को मर्यादा का पालन करना चाहिए।
- धर्मनिष्ठ लोग ही इस आयोजन में भाग लें।
- स्वदेशी मेला स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
- केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति से प्रोत्साहन मिलेगा।
रायपुर, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गरबा के संबंध में वक्फ बोर्ड की अपील पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गरबा कोई साधारण नृत्य नहीं, बल्कि यह एक धार्मिक अनुष्ठान और पूजा की विधि है। उन्होंने कहा कि सभी को गरबा की मर्यादाओं का पालन करना चाहिए और इस आयोजन में निष्ठा से भाग लेना चाहिए।
विजय शर्मा ने कहा, "मैं स्वयं कह रहा हूं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि यह एक धार्मिक अनुष्ठान है। देवी माता के मंदिर में नारियल का जोड़ा लेकर साष्टांग प्रणाम करें, प्रसाद लें और श्रद्धा से पूजा करें। यदि ऐसा करने की नीयत है, तभी गरबा कार्यक्रमों में भाग लें।"
उन्होंने आयोजकों से भी अपील की कि केवल धर्मनिष्ठ और आस्था रखने वाले लोग ही ऐसे धार्मिक आयोजनों में शामिल हों। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में फिलहाल कोई कानूनी पाबंदी नहीं है, लेकिन धार्मिक भावनाओं की मर्यादा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
विजय शर्मा ने आगे कहा कि जगदलपुर में स्वदेशी मेला का आयोजन हो चुका है, जो राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मेले में 4 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति से स्वदेशी वस्तुओं को नया प्रोत्साहन मिलेगा और जनता को इन्हें अपनाने का प्रेरणादायक संदेश मिलेगा।"
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार निरंतर स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है ताकि स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और उत्पादों को नई पहचान मिल सके।
एनएसयूआई के धरने को लेकर दर्ज एफआईआर पर भी डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एक महिला अधिकारी के चेंबर में घुसकर विरोध प्रदर्शन करना और गाली-गलौच करना पूरी तरह अनुचित है।
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सभी को विरोध का अधिकार है, लेकिन हमें शासन के कार्यालयों की गरिमा और मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। हमने भी आंदोलन किए हैं, लेकिन संविधान और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का पालन करते हुए।"