क्या छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल हुआ? 11 आईएएस अधिकारियों का तबादला

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क्या छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल हुआ? 11 आईएएस अधिकारियों का तबादला

सारांश

छत्तीसगढ़ सरकार ने 11 आईएएस अधिकारियों के तबादले के साथ महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल किया है। यह बदलाव कई जिलों के कलेक्टरों में परिवर्तन लाएगा और नई जिम्मेदारियों का आवंटन करेगा। जानिए इस फेरबदल के पीछे के कारण और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • 11 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है।
  • नए कलेक्टरों की तैनाती की गई है।
  • यह फेरबदल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए किया गया है।
  • आदिवासी और खनन क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी।
  • छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।

रायपुर, १६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल करते हुए ११ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों का तबादला किया है। इस फेरबदल के अंतर्गत कई जिलों के कलेक्टरों में परिवर्तन किया गया है, और कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी आदेश का उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना और महत्वपूर्ण पदों पर नए अधिकारियों की तैनाती करना बताया गया है।

इस फेरबदल में एक विशेष नियुक्ति २०११ बैच के आईएएस अधिकारी भोसकर विलास संदीपन की है, जिन्हें अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति को भारत निर्वाचन आयोग की मंजूरी प्राप्त हुई है, जिससे आगामी चुनावी प्रक्रियाओं की तैयारियों को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

जिला स्तर पर होने वाले बदलावों में २०१२ बैच के आईएएस अधिकारी रणवीर शर्मा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक पद से मुक्त करते हुए उन्हें बेमेतरा जिले का कलेक्टर (अतिरिक्त प्रभार) नियुक्त किया गया है।

वहीं, २०१३ बैच के आईएएस अधिकारी अजीत वसंत को सरगुजा जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है, जो राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है। २०१७ बैच के आईएएस अधिकारी कुणाल दुदावत, जो दंतेवाड़ा जिले में कार्यरत थे, को कोरबा जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है।

२०१८ बैच के आईएएस अधिकारी देवेश कुमार ध्रुव को नक्सल प्रभावित और संवेदनशील दंतेवाड़ा जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे सुकमा जिले का प्रभार देख रहे थे। २०१८ बैच की ही अधिकारी प्रतिष्ठा ममगाईं को नारायणपुर जिले के कलेक्टर पद से स्थानांतरित कर बेमेतरा भेजा गया है।

२०१९ बैच की आईएएस अधिकारी नम्रता जैन को नारायणपुर जिले का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है, जिससे जिले में प्रशासनिक नेतृत्व में निरंतरता बनी रहेगी। इसी बैच के आईएएस अधिकारी अमित कुमार को आदिवासी बहुल और चुनौतीपूर्ण सुकमा जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शहरी प्रशासन से जुड़े पदों पर भी बदलाव किए गए हैं। २०१९ बैच के आईएएस अधिकारी प्रकाश कुमार सर्वे को बिलासपुर नगर निगम का आयुक्त नियुक्त किया गया है, जबकि गजेंद्र सिंह ठाकुर (आईएएस २०१९) को धमतरी जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है।

इसके अलावा, २०२० बैच की आईएएस अधिकारी रोमा श्रीवास्तव, जो अब तक धमतरी जिला पंचायत की सीईओ थीं, को स्थानांतरित कर मंत्रालय में उप सचिव के पद पर तैनात किया गया है।

२०११ से २०२० बैच के अधिकारियों के इन तबादलों को प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए किया गया नियमित फेरबदल माना जा रहा है। कोरबा, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जैसे खनन और आदिवासी क्षेत्रों वाले जिलों में नए अधिकारियों की तैनाती से विकास और सुरक्षा से जुड़े प्रयासों को गति मिलने की उम्मीद है।

Point of View

जिसका उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और विकास को गति देना है। नए अधिकारियों की तैनाती से न केवल स्थानीय प्रशासन में सुधार होगा, बल्कि यह आदिवासी और खनन क्षेत्रों में विकास के प्रयासों को भी बल देगा।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस फेरबदल का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाना है।
कितने आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है?
छत्तीसगढ़ में 11 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है।
क्या इस फेरबदल से चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ेगा?
हां, नए अधिकारियों की तैनाती से आगामी चुनावी प्रक्रियाओं की तैयारी को बल मिलने की उम्मीद है।
कौन से जिले में नए कलेक्टर की नियुक्ति की गई है?
सरगुजा, कोरबा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिलों में नए कलेक्टर की नियुक्ति की गई है।
क्या यह प्रशासनिक फेरबदल नियमित है?
हां, इसे प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के लिए किया गया नियमित फेरबदल माना जा रहा है।
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