क्या छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया।
- मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई का जिक्र किया।
- सुकमा के बच्चों ने विधानसभा का दौरा किया।
- सरकार का लक्ष्य नक्सलवाद को समाप्त करना है।
- कांग्रेस ने प्रस्ताव का बॉयकॉट किया।
रायपुर, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विधानसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार को एक धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "पहलगांव में हमारे माताओं-बहनों का सिंदूर आतंकवादियों द्वारा उजाड़ा गया था। फिर, प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में हमारे जवानों ने पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला पीएम मोदी के सफल मार्गदर्शन में लिया गया। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सर्वसम्मति से उन्हें धन्यवाद दिया और प्रस्ताव पारित किया।"
कांग्रेस विधायकों के बॉयकॉट पर उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन से बॉयकॉट किया है। वे हर सकारात्मक कार्य से दूर भागना चाहते हैं।"
नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा के बच्चों से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा, "सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर के 103 बच्चे विधानसभा भवन आए। हमने उनसे पूछा कि कितने बच्चे रायपुर में पहली बार आए हैं, तो पता चला कि उनमें से एक भी बच्चा पहले रायपुर नहीं आया था। वे सभी तीन दिनों से रायपुर में हैं, यहाँ के रेलवे स्टेशन देख रहे हैं। बच्चों ने विधानसभा भवन और जंगल सफारी का दौरा किया। आज लोग गाँव से निकलकर राजधानी में आ रहे हैं। हमारी सरकार प्रदेश के भाई-बहनों को गाँवों से निकालकर दुनिया दिखाने का कार्य कर रही है।"
उन्होंने दावा किया कि नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। लगातार डेढ़ सालों से हमारे सेना के जवान नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं। प्रदेश की डबल इंजन सरकार को भी इसका लाभ हो रहा है। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने संकल्प लिया है कि अगले साल 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का समापन करेंगे।