क्या तमिलनाडु में 6.5 लाख प्रवासी मजदूर वोटर लिस्ट में जुड़ना सही है? चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया

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क्या तमिलनाडु में 6.5 लाख प्रवासी मजदूर वोटर लिस्ट में जुड़ना सही है? चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया

सारांश

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग ने प्रवासी मजदूरों को वोटर लिस्ट में जोड़कर लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। क्या यह सही है? जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
  • 6.5 लाख प्रवासी मजदूरों का वोटर लिस्ट में जुड़ना
  • लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन
  • सत्ता का दुरुपयोग
  • राजनीतिक और कानूनी चुनौती

नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता पी चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने बिहार और तमिलनाडु के बीच मतदाता सूची से जुड़े घटनाक्रमों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है。

चिदंबरम ने लिखा, "एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) की प्रक्रिया अब और भी ज्यादा रहस्यमयी होती जा रही है। एक ओर बिहार में 65 लाख मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर किए जाने का खतरा है, वहीं तमिलनाडु में 6.5 लाख नए लोगों को वोटर के तौर पर जोड़ा जाना बेहद चिंताजनक और स्पष्ट रूप से अवैध है।"

उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को स्थायी रूप से प्रवासित बताया जा रहा है, जो न केवल प्रवासी मजदूरों का अपमान है, बल्कि तमिलनाडु की जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों में भी सीधा हस्तक्षेप है।

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि आखिर कोई प्रवासी मजदूर बिहार (या अपने गृह राज्य) लौटकर विधानसभा चुनाव में मतदान क्यों नहीं कर सकता, जबकि आमतौर पर छठ पूजा जैसे त्योहारों पर वे घर लौटते हैं। उन्होंने कहा, "मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए व्यक्ति का एक निश्चित और कानूनी स्थायी निवास होना चाहिए। यदि प्रवासी मजदूर का परिवार बिहार में रहता है और उसका स्थायी घर वहीं है, तो उसे तमिलनाडु का स्थायी निवासी कैसे माना जा सकता है?"

चिदंबरम ने इसे चुनाव आयोग द्वारा सत्ता का खुला दुरुपयोग करार देते हुए आरोप लगाया कि आयोग राज्यों के चुनावी स्वरूप और पैटर्न को जबरन बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सत्ता का गंभीर दुरुपयोग है और इसे राजनीतिक और कानूनी स्तर पर चुनौती दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और राज्यों के चुनावी चरित्र और पैटर्न को बदलने की कोशिश कर रहा है। शक्तियों के इस दुरुपयोग का राजनीतिक और कानूनी तौर पर मुकाबला किया जाना चाहिए।

Point of View

बल्कि यह हमारे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को भी चुनौती देता है। एक राष्ट्रीय संपादक के रूप में, मेरा मानना है कि हमें इस प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

चिदंबरम ने चुनाव आयोग पर क्या आरोप लगाए?
उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग ने प्रवासी मजदूरों को वोटर लिस्ट में जोड़कर लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।
क्या प्रवासी मजदूर मतदान कर सकते हैं?
हाँ, प्रवासी मजदूर मतदान कर सकते हैं अगर उनका स्थायी निवास उनके गृह राज्य में है।
क्या चुनाव आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है?
चिदंबरम के अनुसार, चुनाव आयोग ने राज्यों के चुनावी स्वरूप को बदलने का प्रयास किया है।