क्या चीन भारतीय यात्रियों को निशाना नहीं बनाएगा?

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क्या चीन भारतीय यात्रियों को निशाना नहीं बनाएगा?

सारांश

विदेश मंत्रालय ने चीन से उम्मीद जताई है कि भविष्य में भारतीय नागरिकों को हवाईअड्डों पर टारगेट नहीं किया जाएगा। इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होने का आरोप लगाया गया है। जानिए इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है और भारत की क्या प्रतिक्रिया है।

Key Takeaways

  • भारतीय नागरिकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है।
  • चीन को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना चाहिए।
  • मनमाने ढंग से हिरासत में लेना अस्वीकार्य है।
  • विदेश मंत्रालय ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।
  • अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट हिस्सा है।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शंघाई हवाईअड्डे पर एक भारतीय महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में, विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है। मंत्रालय ने बीजिंग से यह उम्मीद जताई है कि भविष्य में किसी भी चीनी एयरपोर्ट से गुजरने वाले भारतीय नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाएगा। उन्हें मनमाने तरीके से हिरासत में नहीं लिया जाएगा या परेशान नहीं किया जाएगा।

यह कड़ा बयान उस समय आया जब पिछले महीने शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक युवती, जो अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली है, को चीनी अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया था। नई दिल्ली ने पहले भी इस घटना को अंतरराष्ट्रीय नियमों और आपसी समझ का उल्लंघन बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को दिल्ली में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "हाल ही में शंघाई हवाईअड्डे पर हुई घटना को लेकर हम उम्मीद करते हैं कि चीनी अधिकारी यह आश्वासन देंगे कि चीनी एयरपोर्ट से आने-जाने वाले भारतीय नागरिकों को खास तौर पर निशाना नहीं बनाया जाएगा। चीनी पक्ष हवाई यात्रा से संबंधित नियमों का पालन करेगा।"

उन्होंने आगे कहा, "विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को सलाह देता है कि जब वे चीन की यात्रा कर रहे हों या चीन से गुजर रहे हों तो उचित सावधानी बरतें।"

अरुणाचल प्रदेश की निवासी प्रेमा वांगजोम थोंगडोक ने आरोप लगाया कि 21 नवंबर को लंदन से जापान जाते समय, तीन घंटे के ठहराव के दौरान चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें 18 घंटे तक रोके रखा।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उनका भारतीय पासपोर्ट लेने से मना कर दिया और कहा कि उनका जन्मस्थान, अरुणाचल प्रदेश, "चीन का हिस्सा" है।

इस चौंकाने वाली घटना के बाद, भारत ने इस मामले को जोरदार तरीके से चीनी पक्ष के सामने उठाया।

विदेश मंत्रालय ने 25 नवंबर को कहा, "चीनी अधिकारी अभी भी अपने कार्यों के बारे में स्पष्टता नहीं दे पाए हैं, जो अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को नियंत्रित करने वाले कई नियमों का उल्लंघन करते हैं। चीनी अधिकारियों का व्यवहार उनके अपने नियमों का भी उल्लंघन करता है, जो सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीजा मुक्त ट्रांजिट की अनुमति देते हैं।"

नई दिल्ली ने इस बात को बार-बार दोहराया है कि अरुणाचल प्रदेश देश का एक महत्वपूर्ण और अटूट हिस्सा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इस प्रकार की घटनाएँ हमारे देश की सुरक्षा और सम्मान को प्रभावित करती हैं। हमें अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यह मुद्दा न केवल राजनीतिक बल्कि मानवीय भी है, और हमें इसे प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या इस घटना के बाद भारत ने कोई कार्रवाई की है?
हाँ, भारत ने इस घटना को जोरदार तरीके से चीनी पक्ष के सामने उठाया है।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?
विदेश मंत्रालय ने चीन से अपेक्षा की है कि भारतीय नागरिकों को हवाईअड्डों पर निशाना नहीं बनाया जाएगा।
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