क्या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन बैठक में शामिल होंगे?

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क्या रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन बैठक में शामिल होंगे?

सारांश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25-26 जून को चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक में भाग लेंगे। एससीओ में सुरक्षा, आतंकवाद और आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा की संभावना है। यह बैठक विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों के लिए एक मंच प्रदान करेगी।

Key Takeaways

  • राजनाथ सिंह की एससीओ बैठक में भागीदारी महत्वपूर्ण है।
  • बैठक में आतंकवाद और सुरक्षा पर चर्चा होगी।
  • भारत का वैश्विक शांति के प्रति दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाएगा।
  • द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन होगा।
  • एससीओ में भारत की भूमिका बढ़ रही है।

नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25-26 जून को चीन के किंगदाओ में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक में भाग लेंगे। इस बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत के वैश्विक शांति और सुरक्षा के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे, आतंकवाद और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान करेंगे और एससीओ के भीतर व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क बढ़ाने पर जोर देंगे। इसके अलावा, वह चीन और रूस जैसे कुछ देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा कर एससीओ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 से 26 जून, 2025 तक चीन के किंगदाओ में आयोजित होने वाली एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में एक उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।"

भारत एससीओ को क्षेत्र में बहुपक्षीय सहयोग, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानता है। एससीओ की नीति संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप, आपसी सम्मान और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है।

एससीओ एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। भारत 2017 में पूर्ण सदस्य बना और 2023 में इसकी अध्यक्षता संभाली।

एससीओ के सदस्यों में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान, बेलारूस और भारत शामिल हैं। चीन ने ‘शंघाई भावना को कायम रखना: एससीओ आगे बढ़ रहा है’ थीम के तहत 2025 के लिए एससीओ की अध्यक्षता संभाली है।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत-पाकिस्तान, रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान के बीच तनाव की स्थिति देखी जा रही है।

Point of View

NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कब एससीओ बैठक में शामिल होंगे?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25-26 जून को चीन के किंगदाओ में होने वाली एससीओ बैठक में शामिल होंगे।
एससीओ बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होगी?
एससीओ बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
भारत ने कब एससीओ की सदस्यता प्राप्त की?
भारत ने 2017 में एससीओ की पूर्ण सदस्यता प्राप्त की।
क्या एससीओ का उद्देश्य केवल सुरक्षा है?
नहीं, एससीओ का उद्देश्य राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना भी है।
एससीओ के सदस्यों में कौन-कौन शामिल हैं?
एससीओ के सदस्यों में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान, बेलारूस और भारत शामिल हैं।