क्या आमिर खान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- आमिर खान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
- मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
- आमिर की नई फिल्म 'सितारे जमीन पर' ने संवेदनशील विषयों पर ध्यान आकर्षित किया।
- फिल्म में डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों की कहानी दिखाई गई है।
- आमिर और राष्ट्रपति के बीच की बातचीत ने कई मुद्दों को छुआ।
नई दिल्ली, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता और निर्माता आमिर खान ने हाल ही में राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर को राष्ट्रपति के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर साझा किया गया है। तस्वीर में आमिर खान सफेद कुर्ता पहने हुए हैं और राष्ट्रपति के साथ खड़े होकर कैमरे को पोज दे रहे हैं। इसके बैकग्राउंड में तिरंगा झंडा भी दिख रहा है। यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले आमिर खान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तस्वीरें भी वायरल हुई थीं। यह मुलाकात एक कार्यक्रम में हुई थी, जिसमें आमिर और पीएम मोदी को हाथ मिलाते हुए देखा गया। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने आमिर से उनकी मां के हालचाल पूछे थे।
काम के मोर्चे पर, आमिर खान इन दिनों अपनी फिल्म 'सितारे जमीन पर' को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म २० जून को सभी सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में आमिर खान ने जूनियर बास्केटबॉल कोच गुलशन अरोड़ा का किरदार निभाया है, जो छोटे कद का और घमंडी है। वह अपनी मां के साथ रहते हैं, जिसका किरदार एक्ट्रेस डॉली अहलूवालिया ने निभाया है। फिल्म में आमिर की पत्नी के किरदार में जेनेलिया डिसूजा हैं।
गुलशन अरोड़ा खेल संस्थान से निलंबित होने के बाद अपनी ज़िंदगी में गुम हो जाते हैं। एक रात जब वह शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं, तो पकड़े जाने पर हाथापाई पर उतारू हो जाते हैं। अदालत उन्हें जेल भेजने की बजाय कम्युनिटी सर्विस की सजा सुनाती है, जिसमें उन्हें 'डाउन सिंड्रोम' वाले युवा वयस्कों की एक फुटबॉल टीम बनाकर उन्हें टूर्नामेंट के लिए तैयार करना होता है।
इस टीम में सुनील (आशीष पेंडसे), सतबीर (आरुष दत्ता), लोटस (आयुष भंसाली), शर्मा जी (रिषि शहानी), गुड्डू (गोपी कृष्ण के वर्मा), राजू (ऋषभ जैन), बंटू (वेदांत शर्मा), गोलू (सिमरन मंगेशकर), करीम (संवित देसाई), और हरगोविंद (नमन मिश्रा) शामिल हैं।
शुरुआत में गुलशन इन खिलाड़ियों को 'पागल' समझते हैं और गुस्से और झुंझलाहट के साथ पेश आते हैं, लेकिन धीरे-धीरे छोटी-छोटी बातें उनका दिल बदल देती हैं। फिल्म की कहानी ने डाउन सिंड्रोम और न्यूरो डाइवर्जेंस जैसे संवेदनशील विषयों पर लोगों का ध्यान खींचा है।