क्या चिराग पासवान की लोजपा ने प्रदेश प्रधान महासचिव मोहम्मद मोतिउल्लाह को पार्टी से निष्कासित किया?
सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान की पार्टी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
- मोहम्मद मोतिउल्लाह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप हैं।
- इस फैसले के बाद पार्टी में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
- लोजपा (आर) के अनुशासन को बनाए रखने की आवश्यकता महसूस की गई।
- जिले में असमंजस का माहौल उत्पन्न हो गया है।
जमुई, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस समय विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता चुनावी मैदान में सक्रिय हो गए हैं। इसी बीच, चिराग पासवान की पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ने प्रदेश प्रधान महासचिव मोहम्मद मोतिउल्लाह खान के खिलाफ कठोर कदम उठाया है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अपने प्रदेश प्रधान महासचिव, जो कि जमुई के निवासी हैं, मोहम्मद मोतिउल्लाह खान को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता और विरोधी दलों के साथ संपर्क रखने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सलीम साहिल ने इस विषय में एक पत्र जारी किया है। पत्र के अनुसार, मोहम्मद मोतिउल्लाह को न केवल प्रदेश प्रधान महासचिव पद से हटा दिया गया है, बल्कि उनकी पार्टी सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। यह कार्रवाई रविवार की दोपहर लगभग 1 बजे सार्वजनिक की गई, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, मोतिउल्लाह के विरोधी दलों से संपर्क और गतिविधियों के सबूत मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया। इस कार्रवाई के बाद पार्टी के अंदर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। कई लोग लोजपा (आर) के इस कदम को आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई मान रहे हैं, वहीं कुछ सदस्य इसे अचानक और कठोर निर्णय के रूप में देख रहे हैं।
मोहम्मद मोतिउल्लाह लोजपा (रामविलास) के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे और पहले जमुई जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनका पार्टी के प्रति झुकाव दिवंगत नेता रामविलास पासवान के समय से ही रहा है। इस निष्कासन के कारण जिले की लोजपा इकाई में असमंजस का माहौल उत्पन्न हो गया है।