केंद्रीय मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान ने बिहार क्यों छोड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान ने सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
- प्रिंस राज ने चिराग की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
- चुनाव के दौरान चिराग की सक्रियता पर चर्चा हो रही है।
- बिहार के लोग चिराग की वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
- चिराग का 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' नारा चुनावी रणनीति हो सकती है।
पटना, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हम बिहार आना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो आने नहीं देते हैं।
उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज ने कहा कि कौन उन्हें रोक रहा है? उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे कौन हैं, जो उन्हें आने नहीं देना चाहते?
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को बताना चाहिए कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उन्होंने बिहार क्यों छोड़ा। लोगों को उन्हें बुलाना पड़ रहा है कि वह बिहार वापस आएं। क्यों मुंबई लौट गए? मैं आपसे अपील करता हूं कि आप बिहार की सेवा करने के लिए यहां पर आएं। बिहार के लोग आपको खोज रहे हैं। उन्होंने ऐसा क्या किया है कि रोका जा रहा है, इसके लिए उन्हें जवाब देना चाहिए।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा तो नहीं है कि उन्हें एयरपोर्ट पर नहीं आने दिया जा रहा है, गाड़ी पर नहीं चलने दिया जा रहा है। लेकिन अगर ऐसा है तो इसका जवाब उन्हें देना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है।
उन्होंने चिराग पासवान की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वह 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' की बात करते हैं। चुनाव के समय यह बातें सामने आ रही हैं। जब-जब चुनाव आते हैं, वह इस तरह की बातें जनता को बरगलाने के लिए करते रहते हैं। पिछले पांच वर्षों में वे कहीं नहीं दिखे। अब चुनाव आते ही नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों में चिराग पासवान ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात की थी, वह कहाँ गायब हो गई? अब चुनाव आ गया है तो फिर से वह इस मुद्दे को उछाल रहे हैं। जब कुछ नहीं मिला, तो वह इस तरह की बातें करके जनता को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं।