क्या चोबचीनी वाकई रोगों की दुश्मन है? जानें इसके अद्भुत फायदे

सारांश
Key Takeaways
- चोबचीनी पाचन तंत्र को सुधारती है।
- यह त्वचा की समस्याओं में फायदेमंद है।
- यह जोड़ों के दर्द में राहत देती है।
- यह यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
- चोबचीनी लीवर और मूत्र संबंधी रोगों में भी लाभकारी है।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चोबचीनी एक अत्यंत प्रभावशाली औषधीय जड़ी-बूटी है। इसका वैज्ञानिक नाम स्माइलैक्स चाइना है। आयुर्वेद में इसकी जड़ को सर्वाधिक उपयोगी माना गया है। इसका स्वाद थोड़ा कड़वा है, लेकिन इसके फायदों की संख्या इतनी अधिक है कि कड़वाहट कोई मायने नहीं रखती।
यह शरीर के तीनों दोषों - वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है और पाचन, त्वचा, जोड़ों और यौन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
चोबचीनी का पहला लाभ पाचन तंत्र पर होता है। यह भूख बढ़ाने, गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करती है। इसके चूर्ण की 1 से 3 ग्राम मात्रा गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन तुरंत सुधारता है। यह हल्की रेचक भी है, यानी मल को आसानी से बाहर निकालने में सहायता करती है।
जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में भी यह औषधि काम करती है। गठिया, गाउट या ऑस्टियो आर्थराइटिस जैसी बीमारियों में सूजन और दर्द को कम करती है। चोबचीनी वात दोष को संतुलित कर शरीर से विषाक्त पदार्थ निकाल देती है।
त्वचा रोगों में इसका उपयोग बहुत प्रभावी है। एक्जिमा, सोरायसिस, खुजली या फोड़े-फुंसी जैसी समस्याओं में यह रक्त को शुद्ध करती है और संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं को नष्ट करती है।
दूध के साथ इसका सेवन करने से त्वचा चमकदार और स्वस्थ रहती है। इसके एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की कोशिकाओं को फ्री रैडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
चोबचीनी मूत्र संबंधी रोगों और लीवर की कार्यप्रणाली को भी सुधारती है। यह मूत्र को साफ रखती है और संक्रमण में राहत देती है। इसके अलावा, यह मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी है। यह इंसुलिन के स्राव को बढ़ाती है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखती है। मानसिक रोगों जैसे मिर्गी, अनिद्रा और तनाव में भी यह नर्व टॉनिक की तरह काम करती है।
यौन स्वास्थ्य के लिए चोबचीनी को आयुर्वेद में वीर्यवर्धक कहा गया है। यह पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़ाती है और महिलाओं में हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है। नपुंसकता और यौन दुर्बलता में इसका सेवन बहुत लाभकारी होता है।
इसके कई पारंपरिक नुस्खे भी प्रसिद्ध हैं। अगर गठिया की समस्या है तो दूध के साथ उबालकर पीने से फायदा मिल सकता है या अश्वगंधा के साथ शहद में भी ले सकते हैं। त्वचा रोगों में चोबचीनी और सरसपरिल्ला का काढ़ा बेहद असरदार होता है।