क्या चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को अनुपस्थित और मृत मतदाताओं की सूची साझा करने का निर्देश दिया?

Click to start listening
क्या चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को अनुपस्थित और मृत मतदाताओं की सूची साझा करने का निर्देश दिया?

सारांश

चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अनुपस्थित और मृत मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों के साथ साझा करें। यह कदम मतदाता सूची की सटीकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। जानें इस निर्देश का क्या महत्व है और इसके पीछे का उद्देश्य क्या है।

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग का महत्वपूर्ण निर्देश
  • अनुपस्थित और मृत मतदाताओं की पहचान
  • राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी
  • मतदाता सूची की सटीकता
  • बूथ स्तर पर सुधार प्रक्रिया

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने बुधवार को सभी 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रही एसआईआर प्रक्रिया के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया।

आयोग ने संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह आदेश दिया है कि वे बूथ स्तर पर तैयार की जाने वाली अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत या दोहराए गए मतदाताओं (एएसडी) की सूची राजनीतिक दलों के बूथ स्तर के एजेंटों के साथ साझा करें। यह वही प्रक्रिया है, जिसे बिहार में विशेष सुधार अभियान के दौरान सफलता पूर्वक अपनाया गया था।

आयोग ने बताया कि बूथ स्तर के अधिकारियों द्वारा तीन या उससे अधिक बार घर जाकर संपर्क करने के बाद भी जिन मतदाताओं से संपर्क नहीं हो पाया, उन्हें एएसडी श्रेणी में रखा गया है। अब इन मतदाताओं की स्थिति की पुष्टि करना आवश्यक है, ताकि मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले गलतियों को सुधार किया जा सके। इसके लिए प्रत्येक बूथ पर बूथ स्तर के अधिकारी, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों से मुलाकात करेंगे और उन्हें पूरी एएसडी सूची सौंपी जाएगी।

चुनाव आयोग के अनुसार, इन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लगभग 5 लाख बूथ स्तर के अधिकारी और 12 लाख से अधिक बूथ स्तर के एजेंट मिलकर बूथवार बैठकों में भाग लेंगे। आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रह जाए और हर त्रुटि समय रहते सुधार ली जाए।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बूथवार, विधानसभा वार और जिला वार एएसडी सूची संबंधित जिलाधिकारियों तथा मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह लिस्ट पहचान पत्र संख्या के आधार पर खोजे जाने योग्य रूप में भी उपलब्ध होगी। बिहार में अपनाई गई इसी व्यवस्था को अब देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है।

आयोग का कहना है कि पारदर्शिता बढ़ाने और मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। इससे राजनीतिक दलों को भी वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और वे मतदाता सूची से जुड़े कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों से कहा है कि वे निर्देशों का पालन समयबद्ध तरीके से करें, ताकि विशेष सुधार प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो सके।

Point of View

NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

चुनाव आयोग ने यह निर्देश क्यों दिया?
चुनाव आयोग ने यह निर्देश मतदाता सूची की सटीकता को बढ़ाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए दिया है।
कौन सी सूची राजनीतिक दलों को सौंपी जाएगी?
अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत या दोहराए गए मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों को सौंपी जाएगी।
इस प्रक्रिया का उद्देश्य क्या है?
इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रह जाए और समय पर त्रुटियों को सुधारना।
Nation Press